हिमांशु अग्निहोत्री
भारतीय फुटबाल टीम के पूर्व खिलाड़ी राबिन सिंह खेल को अलविदा कह चुके हैं, लेकिन बतौर कमेंटेटर खेल से जुड़े रहने का उनका इरादा है। उनका कहना है कि मुख्य कोच इगोर स्टिमक के नेतृत्व में भारतीय फुटबाल टीम ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन किया है। भविष्य में इसमें और सुधार की संभावना है। पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष भारतीय टीम ने बेहतर प्रदर्शन किया है। आगामी एशियाई खेलों में अच्छे प्रदर्शन की उन्हें उम्मीद है। भारतीय टीम फीफा रैंकिंग में 99 स्थान पर है।
राबिन का मानना है कि भारतीय फुटबाल में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। गांवों से लेकर शहरों तक खेल में रुचि बढ़ रही है। उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर में जन्मे राबिन सिंह ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। राबिन ने 2012 में कैमरून के खिलाफ पेनल्टी के साथ अपना पहला अंतरराष्ट्रीय गोल किया था। साथ ही 12 नवंबर 2015 को 2018 फीफा विश्व कप क्वालीफायर में गुआम के खिलाफ अपना दूसरा अंतरराष्ट्रीय गोल किया, जो टीम को जिताने वाला साबित हुआ। पिछले वर्ष 33 साल के राबिन के फुटबाल से संन्यास लेने की खबर ने सभी को चौंका दिया था। इस दौरान उन्होंने अपनी आगे की रणनीति नहीं बताई थी।
उन्होंने कहा कि फुटबाल की महत्त्वपूर्ण लीगों पर मेरा ध्यान केंद्रित है। मेरी आगे की रणनीति फुटबाल के लिए कमेंटरी करना है। देश की कई लीग में कमेंटरी की है। उन्होंने कहा कि भारतीय फुटबाल को गुरप्रीत सिंह और संदेश झिंगान जैसे खिलाड़ियों से काफी उम्मीदें हैं। राबिन सिंह ने नौ मार्च, 2011 को ओलंपिक क्वालीफायर 2012 के दौरान म्यांमार के खिलाफ भारत अंडर 23 में पदार्पण किया। साथ ही 2012 में मालदीव के खिलाफ नेहरू कप के दौरान भारतीय टीम के लिए पदार्पण किया। उसी सीजन में, राबिन ने कैमरून के खिलाफ पेनल्टी के साथ अपना पहला अंतरराष्ट्रीय गोल किया था, जिससे भारत को जीत मिली थी।
राबिन ने सैफ चैंपियनशिप 2015 के दौरान श्रीलंका के खिलाफ मैच में दो बार गोल किए खिताब जीतने में मदद की। 2016 इंडियन सुपर लीग सीजन के दौरान राबिन एफसी गोवा के लिए खेले और उस सीजन में एक गोल किया। अगले सीजन में वे ईस्ट बंगाल के साथ जुड़ गए। इससे पहले राबिन 2013 में बंगलुरु एफसी क्लब के साथ जुड़ गए और 22 सितंबर को अपना पहला मैच खेला।