जब भी टीम को विकेट की जरूरत होती है तो जसप्रीत बुमराह आगे आते हैं और उम्मीदों पर खरे उतरते हैं, लेकिन जब कप्तानी की बात आती है तो उनके नाम पर चर्चा नहीं होती। जसप्रीत बुमराह क्या टीम इंडिया की कमान संभालने चाहते हैं या नहीं, इस बाबत उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस के कार्यक्रम एक्सप्रेस अड्डा में इंडियन एक्सप्रेस समूह के कार्यकारी निदेशक अनंत गोयनका और नेशनल स्पोर्ट्स एडिटर संदीप द्विवेदी के सामने अपनी राय रखी।

मेरे पास अपना पे ग्रेड बढ़ाने की पावर नहीं: जसप्रीत बुमराह

जसप्रीत बुमराह ने कहा, ‘मैं फैसला नहीं ले सकता हूं। आप जानते हैं, ऐसा नहीं है कि मैं टीम से कहूं कि मुझे कप्तान बनाइए। मेरे पास खुद का पे ग्रेड बढ़ाने की पावर नहीं है। लेकिन हां, मैं महसूस करता हूं कि गेंदबाज स्मार्ट व्यक्ति होते हैं, क्योंकि वे बल्लेबाज को आउट करते हैं और निश्चित रूप से हमेशा विपरीत परिस्थितियों से लड़ते रहते हैं।’

गेंदबाजों के लिए नहीं बनी कोई तकनीक: बुमराह

बुमराह ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा, ‘…क्योंकि मैदान छोटे होते हैं। बैट की क्वालिटी बेहतर होती जा रही है। मुझे याद नहीं है कि कोई ऐसी तकनीक आई है जो हम गेंदबाजों को गेंदें स्विंग कराने में बहुत मदद करती हो। निश्चित रूप से लोग मैदान के चारों ओर शॉट लगते हुए देखना चाहते हैं। वे छक्के लगते हुए देखना चाहते हैं। लेकिन यह सब ठीक है, क्योंकि गेंदबाजों का काम बहुत कठिन होता है।’

हारने पर गेंदबाजों पर मढ़ दिया जाता है दोष: बुमराह

बुमराह ने कहा, ‘जब हम गेम हार जाते हैं तो सामान्यता गेंदबाजों पर दोष मढ़ दिया जाता है। यह बहुत कठिन काम है, इसलिए मैं खुद पर गर्व करता हूं कि मैं वह काम कर रहा हूं जिसमें बहुत ज्यादा हिम्मत की जरूरत होती है। शारीरिक रूप से आपके शरीर को बहुत दर्द सहना पड़ता है और आप जानते हैं कि मैं अब तक गेम का मजा ले रहा हूं और लगातार इम्पैक्ट डाल रहा हूं।’

बुमराह ने बताया, ‘हां, यदि आपको यह मिलती (लीडरशिप) है तो आपके साथ कई नई चुनौतियां जुड़ जाएंगी। मैं सोचता हूं कि इतनी सारी चुनौतियों के कारण आप हमेशा नया रास्ता ढूंढ़ते हैं। गेंदबाज विपरीत परिस्थितियों से निपटते हैं और रास्ता निकालते हैं। ये चीजें आपको बहादुर बनाती हैं तो यदि लीडरशिप के लिए बहादुर होना आवश्यक है, मेरी भी हमेशा यही राय रही है।’

बढ़िया कप्तान रह चुके हैं दिग्गज गेंदबाज

बुमराह ने कहा, ‘हमने देखा पैट कमिंस बहुत अच्छा कर रहे हैं। जब मैं बच्चा था तो वसीम अकरम, वकार यूनिस को कप्तानी (पाकिस्तान क्रिकेट टीम की) करते देखा। कपिल देव ने हमारे लिए पहला विश्व कप जीता। इमरान खान ने अपनी कप्तानी में पाकिस्तान के लिए विश्व कप जीता। इसलिए गेंदबाज स्मार्ट होते हैं।’

टीम क्या सोचती है यह ज्यादा महत्वपूर्ण: बुमराह

फिजिकिली फिट होने की बात स्वीकार करते हुए बुमराह ने कहा, ‘हां यह सही है कि गेंदबाजों के लिए कभी कभी फिजिकिली काफी स्ट्रेनफुल होता है। मैं समझ सकता हूं कि लीडरशिप बल्लेबाजों को दी जाती है, लेकिन यह इस पर निर्भर करता है कि टीम क्या सही सोचती है और कौन टीम को आगे लेकर जा सकता है, लेकिन मेरी राय में मैं अब तक तेज गेंदबाजों का बहुत बड़ा फैन हूं। मेरी राय में वे भी दूसरों की तरह स्मार्ट होते हैं।’