भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल को याद करते हुए सौरव गांगुली ने खुलासा किया कि उन्हें तत्कालीन बोर्ड सचिव और वर्तमान आईसीसी अध्यक्ष जय शाह से ‘एक निश्चित प्रकार की कठोरता और हठता’ की उम्मीद थी, लेकिन वह उनकी ‘ईमानदारी’ और चीजों को ‘ठीक से’ करने के संकल्प से प्रभावित हुए। सौरव गांगुली और शाह अक्टूबर 2019 से सितंबर 2022 तक दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड में सहकर्मी थे।
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सौरव गांगुली ने कोलकाता में अपने आवास पर एक विशेष साक्षात्कार में पीटीआई को बताया, ‘उनके (जय) काम करने का अपना तरीका था, लेकिन उनके बारे में सबसे अच्छी बात यह थी कि वह भारतीय क्रिकेट के लिए चीजों को ठीक से करना चाहते थे।’ पूर्व कप्तान ने शाह के गृह मंत्री अमित शाह के बेटे होने की स्थिति का जिक्र करते हुए कहा, ‘देखिए, उनके पास शक्ति और समर्थन था, इसलिए आप उनसे एक निश्चित प्रकार की कठोरता और हठ की उम्मीद करते थे, लेकिन वह भारतीय क्रिकेट के लिए काम करते थे।’
पहली बार दोनों ने BCCI में संभाला था पद
यह पहली बार था जब सौरव गांगुली और जय शाह दोनों ने BCCI में पद संभाला। इससे पहले सौरव गांगुली बंगाल क्रिकेट संघ के अध्यक्ष थे, जबकि जय शाह गुजरात क्रिकेट संघ में पदाधिकारी थे। साल 2022 में सौरव गांगुली की जगह एक अन्य पूर्व टेस्ट खिलाड़ी रोजर बिन्नी ने ले ली, जबकि जय शाह नवंबर 2024 तक BCCI सचिव बने रहे और फिर 36 साल की उम्र में ICC के सबसे युवा अध्यक्ष बने।
जय शाह से संबंध अच्छे थे और अब भी हैं: गांगुली
एक राजनीतिक परिवार के वंशज और एक प्रसिद्ध क्रिकेट स्टार के बीच सत्ता की गतिशीलता और संबंध के बारे में पूछे जाने पर गांगुली ने कहा कि उनके बीच सौहार्दपूर्ण संबंध थे जो आज भी कायम हैं। उन्होंने कहा, ‘संबंध बहुत अच्छे थे। अब भी बहुत अच्छे हैं। जब वह सितंबर 2019 में आए… वह एक युवा लड़के थे, सीधे गुजरात क्रिकेट संघ से, बहुत सहयोगी, मिलनसार। जाहिर है, उनके पास राय थी और यह सही भी था, वह चीजें करना चाहते थे और अब भी करते हैं, वह ICC के अध्यक्ष हैं और यह एक बड़ा पद है।’
समय के साथ बेहतर होते गए जय शाह: सौरव गांगुली
सौरव गांगुली का मानना है कि समय के साथ शाह अपने काम में बेहतर होते गए। जल्द ही 53 साल के होने वाले सौरव गांगुली ने कहा, ‘वह खिलाड़ियों का बहुत समर्थन करते हैं। जैसे-जैसे उन्होंने सीखा, वह बेहतर होते गए। उनके बारे में अच्छी बात यह थी कि वह खेल के लिए अच्छा करना चाहते थे।’ उन्होंने कहा कि जय शाह अपनी स्थिति से अच्छी तरह वाकिफ थे और हमेशा अपने काम को सिद्धांतों के अनुसार करना चाहते थे।
जय शाह बहुत ईमानदार हैं: सौरव गांगुली
गांगुली ने कहा, ‘वह बहुत ईमानदार हैं, उनके दिमाग में हमेशा यह रहता था कि वह कौन हैं, उनके पास क्या बोझ है, इसलिए वह हर समय सही और तरीके से काम करना चाहते थे। हम सबने गलतियां की, मैंने कीं, उन्होंने कीं। यह कभी जानबूझकर नहीं किया गया, लेकिन खेल कभी नहीं रुका।’
कभी-कभी होता था टकराव
पूर्व कप्तान ने कहा कि वह कभी-कभी एक-दूसरे से टकराते हैं। उन्होंने कहा, ‘जाहिर है, उन्होंने प्रगति की है, वह अब ICC के चेयरमैन हैं। आप उन्हें कई बार देख सकते हैं क्योंकि आप अलग-अलग शहरों में रहते हैं। मैं प्रशासन में शामिल नहीं हूं, मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं। मैंने उन्हें इस बार इंग्लैंड में कुछ समय के लिए देखा था। मैं उनसे आईसीसी की बैठकों में मिलता हूं, क्योंकि मैं (आईसीसी क्रिकेट) समिति का अध्यक्ष हूं और वह चाहते हैं कि खेल आगे बढ़े और प्रगति करे।’