चरनपाल सिंह सोबती
तीन टैस्ट की सीरीज में सनसनीखेज क्रिकेट और खासतौर पर रावलपिंडी के ऐतिहासिक टैस्ट को उसने जिस शैली से जीता वह उन सभी बड़े क्रिकेट देशों के लिए चेतावनी है जो अभी भी टैस्ट क्रिकेट को पुराने और बोर अंदाज में खेलने की राह पर चल रहे हैं। रावलपिंडी टैस्ट ने तो यह दिखाया कि इंग्लैंड के खेलने के इस तरीके को इंग्लैंड टीम, इंग्लैंड से बाहर भी लागू करने के लिए तैयार है। बहुत कम ही लोगों ने सोचा होगा कि यह टीम बाहर भी इस तरह के साहस के साथ खेल सकती है, और बड़ा स्कोर कर सकती है।
पहले दिन 506 रन 75 ओवर में- टैस्ट क्रिकेट के एक दिन में इतने रन इंग्लैंड की किसी भी टीम ने पहले नहीं बनाए हैं। अभी तो, 24 घंटे पहले की खबर यह थी कि इंग्लैंड की टीम में ऐसे विषाणु का प्रकोप है कि 11 खेलने लायक खिलाड़ी जुटाना भी भारी पड़ रहा है। ऐसे में इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने रावलपिंडी स्टेडियम में जो किया उसे सालों तक एक मिसाल की तरह से अध्ययन किया जाएगा।
किसी टैस्ट के पहले दिन पहली बार, चार बल्लेबाजों ने शतक बनाया- जक क्राली, बेन डकेट, ओली पोप और हैरी ब्रुक। इनमें से दो, डकेट और ब्रुक के, ये पहले 100 थे। तीन 100 ऐसे थे जो एक गेंद में एक रन से भी तेजी से बने। डकेट के 100 रन 105 गेंदों में बने और इन्हें धीमा गिना गया।
पाकिस्तान में टैस्ट क्रिकेट के एक दिन में, पहले की तुलना में सबसे ज्यादा रन बने। रन दर आश्चर्यजनक 6.74 थी। मजे की बात यह है कि इंग्लैंड टीम पूरे टैस्ट को इसी अंदाज में खेली। यह उनके इस रन रेट का ही कमाल था कि पाकिस्तान की लंबी और धीमी बल्लेबाजी के बावजूद इतना समय निकल आया कि वे उसकी दूसरी पारी के 10 विकेट लेकर टैस्ट जीत सके। एक पूरे टैस्ट के दौरान, एक गेंद पर एक रन से भी तेजी से ज्यादा रन के कीर्तिमान को देखें तो सिर्फ दक्षिण अफ्रीका 340/3 (50 ओवर) उनसे बेहतर हैं- उनके सामने जिम्बाब्वे की टीम थी (केपटाउन 2005) जबकि इंग्लैंड टीम तो पाकिस्तान के विरुद्ध, उन्हीं के ग्राउंड में खेल रही थी।
यह टैस्ट कोई कंप्यूटर गेम नहीं था जिसमें इंग्लैंड ने 657 (101.0) और 264/7 (35.5) के स्कोर बनाए। अगर अंपायरों ने खराब रोशनी की वजह से खेल न रोका होता और पहले दिन पूरे 90 ओवर खेलते तो क्या होता इसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता। ये बताना जरूरी है कि पहले दिन चाय के बाद के सेशन में इंग्लैंड का रन रेट 8.28 रन प्रति ओवर था।
सबसे बड़ा सबक यह है कि इंग्लैंड ने क्रिकेट के तीनों प्रारूपों के बीच का फर्क बड़ा कम कर दिया है और उस शैली को चुना जो आज के दौर के लिए सबसे ज्यादा फिट है। ऐसे तो टीम टी20 क्रिकेट में भी स्कोर नहीं कर रहीं जहां न सिर्फ पावर प्ले के ओवर, क्रिकेट नियम भी तेज स्कोरिंग में मदद करते हैं।
दुनिया के बाकी क्रिकेट देश देखें कि इंग्लैंड टीम किस तरह से क्रिकेट खेल रही है- निडर क्रिकेट, जिसे सोशल मीडिया ने बजबाल का नाम दिया। इस शैली को अपना कर ही तो वे दो साल में दो विश्व कप जीत चुके हैं और कामयाबी का ये कीर्तिमान सबूत है इस बात का कि उनकी नीति में दम है। पाकिस्तान को पाकिस्तान में टैस्ट शृंखला में हराना कोई मामूली बात नहीं।
इस साल वे टैस्ट क्रिकेट को इसी स्टाइल में खेले हैं। जून में नाटिंघम में इंग्लैंड ने विश्व टैस्ट चैंपियन न्यूजीलैंड के विरुद्ध 4.2 रन प्रति ओवर की दर से 539 रन बनाए थे। दूसरी पारी में, 50 ओवरों में 299 रन टैस्ट जीतने के लिए- इसे तो एकदिवसीय क्रिकेट में भी आसान नहीं मानते। लीड्स टैस्ट में इंग्लैंड ने 122 ओवरों में पांच से ऊपर का रन रेट दर्ज किया। बर्मिंघम में, 76.4 ओवरों में 378 रन का लक्ष्य और मशहूर खिलाड़ियों वाली टीम इंडिया देखती रह गई। अब रावलपिंडी टेस्ट यानी कि पिच और गेंदबाज कोई भी हों इंग्लैंड टीम अपनी नई शैली से ही बल्लेबाजी करेगी। इस सोच की कामयाबी उनके कीर्तिमान में दिख रही है।
मैकुलम ने बदला इंग्लैंड का खेल
इस साल मई में इंग्लैंड ने ब्रेंडन मैकुलम को मुख्य प्रशिक्षक बनाया और तब से, सिर्फ छह बार इंग्लैंड ने चार से कम का रन रेट दर्ज किया है। खास बात ये कि टीम बिना किसी तनाव या दबाव, इस शैली की क्रिकेट खेल रही है। तभी तो वे रावलपिंडी टैस्ट में पाकिस्तान को, मैच जीतने की चाह में, ऐसी चुनौती दे पाए जिसमें हारने का ख़तरा भी था। उस रावलपिंडी टैस्ट को जो शायद इतिहास में सिर्फ दो बड़ी पारी और कई 100 के लिए याद किया जाता- एकदम रोमांचक बन गया।
ऐसे मैच खेले जाएं तो टैस्ट क्रिकेट की लोकप्रियता को खतरा कहां है? विश्वास कीजिए टैेस्ट के पांचवें और आखिरी दिन, अपनी टीम की जीत की उम्मीद में रावलपिंडी स्टेडियम खचाखच भरा था। आजकल टैेस्ट के लिए तो दर्शक दुर्लभ हो गए हैं। मुल्तान में भी यही हुआ और पारी समाप्त घोषित करना एक बार तो गलत फैसला लगा था पर आखिर में टैस्ट जीते। कराची की पिच पर, भले ही बड़े स्कोर नहीं बने पर पाकिस्तान पर भारी पड़े।