दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार को आदेश दिया कि वह भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच तीन दिसंबर से होने वाले टैस्ट के लिए दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) को अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) दे दे। अदालत ने बताया कि डीडीसीए से मनोरंजन कर के एक करोड़ रुपए की जो मांग की जारही थी, उसे देने के लिए वह राजी हो गया है। जस्टिस बदर दुरेज अहमद और संजीव सचदेवा की पीठ ने आप सरकार को उसके आबकारी, मनोरंजन और विलासिता कर विभाग के 24 करोड़ रुपए के मनोरंजन कर की मांग को लेकर डीडीसीए के खिलाफ किसी तरह का कदम नहीं उठाने को भी कहा है।

अदालत ने डीडीसीए को 50-50 लाख रुपए की दो किस्तों में एक करोड़ रुपए विभाग को जमा करने के निर्देश दिए जो भारत-दक्षिण अफ्रीका टैस्ट मैच की मंजूरी हासिल करने के लिए जरू री हैं। यह मैच तीन से सात दिसंबर तक फिरोजशाह कोटला मैदान पर खेला जाना है। पहली किस्त दो हफ्ते में जमा करनी है और उसके बाद अगली किस्त दो हफ्ते बाद देनी है। पीठ ने कहा कि सरकार इस बात का ध्यान रखे कि अगले आदेश तक कोई प्रतिरोधी कदम नहीं उठाए जाएं।

दिल्ली में टैस्ट के आयोजन को लेकर पिछले एक हफ्ते से उहापोह चल रहा था। दिल्ली सरकार ने वित्तीय अनियमितता की वजह से तीन सदस्यीय समिति का गठन भी किया था। जिसने डीडीसीए को निलबिंत करने की सिफारिश की थी।

अदालत के इस आदेश के बाद डीडीसीए उपाध्यक्ष चेतन चौहान ने गुरुवार को कहा कि संघ तीन दिसंबर से शुरू हो रहे मैच की बेहतरीन मेजबानी के लिए तैयार है। टैस्ट के आयोजन की आखिरी बाधा सुबह साफ हो गई जब दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को मनोरंजन कर के भुगतान के संदर्भ में डीडीसीए के खिलाफ आगामी आदेश तक कोई प्रतिरोधी कार्रवाई नहीं करने के निर्देश दिए थे।

सरकार ने डीडीसीए पर 24 करोड़ 45 लाख रुपए मनोरंजन कर लगाया है। डीडीसीए को दो किस्तों में एक करोड़ रुपए भुगतान के निर्देश दिए गए हैं। चौहान ने सुनवाई समाप्त होने के बाद कहा कि हम न्यायपालिका के शुक्रगुजार है जिसने राजधानी के क्रिकेटप्रेमियों के लिए सकारात्मक कदम उठाया। अब हम अपनी सारी ऊर्जा मैच के बेहतरीन आयोजन पर खर्च करेंगे।

उन्होंने बताया कि हमने इस पर काम शुरू कर दिया है। समिति की ओर से मैं सभी को धन्यवाद देना चाहता हूं जिनकी वजह से यह हो सका। चौहान ने कहा कि डीडीसीए अपने सारे लेन-देन में पारदर्शिता बरतेगा। चौहान के मुताबिक 2013-14 का अकाउंट बीसीसीआइ को भेज दिए गए हैं जिसका आडिट बोर्ड का सीए करेगा। सब कुछ हमेशा की तरह पारदर्शी होगा।