अमेरिका के गेंदबाज सौरभ नेत्रवलकर ने टी20 वर्ल्ड कप में अपनी गेंदबाजी से फैंस और दिग्गजों को प्रभावित किया है। फुल टाइम इंजीनियर सौरभ का जो सपना भारत में रहकर पूरा नहीं हुआ वह उन्होंने अमेरिका जाकर पूरा किया। सौरभ की बहन ने बताया कि काम और खेल के बीच तालमेल बैठाना इतना आसान नहीं है लेकिन यह खिलाड़ी इस काम को बखूबी अंजाम दे रहा है।
हर काम को अपना 100 प्रतिशत देते हैं सौरभ नेत्रवलकर
क्रिकेटनेक्स्ट से बातचीत में सौरव की बहन निधी ने कहा, ‘सौरभ बहुत भाग्याशाली है कि उनके आसपास ऐसे लोग रहे हैं जिन्होंने हमेशा उनका समर्थन किया है। वह अपने हर काम को 100 प्रतिशत देते हैं। वह फिलहाल काम कर रहे हैं तो हर जगह अपना लैपटॉप लेकर जाते हैं। उन्हें कहीं से भी काम करने की आजादी है।’
मैच के बाद होटल के कमरे से काम करते हैं सौरभ
निधी ने बताया कि उनके भाई मैच के बाद होटल के कमरे से भी काम करते हैं। उन्होंने कहा, ‘जब वह भारत आते हैं तब भी लैपटॉप साथ लाते हैं। वह मैच के बाद होटल से काम करते हैं। वह अपने काम के लिए काफी डेडिकेटेड हैं।’
ट्रेन में करते थे स्कूल का होमवर्क
निधी के मुताबिक उनके भाई को मुंबई में मेहनत करने की आदत हो गई थी। वह स्कूल के समय में क्रिकेट और पढ़ाई में ताल-मेल बैठाते थे और अब काम और क्रिकेट में। उन्होंने कहा, ‘उसके अंदाज मुंबई की आत्मा है। वह जहां भी जाता है यह चीज उसके अंदर होती है। बचपन में जब वह ट्रेनिंग के लिए चर्चगेट जाता था तब लोकल ट्रेन में अपना स्कूल का होमवर्क करता था। वह क्रिकेट खेलता था और क्लास में टॉप करता था। उसके दिमाग में हमेशा से दो करियर थे।’
सौरभ नेत्रवलकर ने बताया कि वह क्रिकेट के लिए हफ्ते के दो दिन का समय निकलाते थे। उन्होंने कहा, ‘मैं हफ्ते के पांच दिन काम करता हूं औ रात को इंडोर प्रैक्टिस करता हूं। छुट्टी के समय मैं छह घंटे की ड्राइव के बाद एलए जाता था। वहीं पर अच्छा टर्फ होता था। मैं अमेरिका के लिए खेलना चाहता था।’