पाकिस्तान के टी20 वर्ल्ड कप 2024 में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) की सात सदस्यीय चयन समिति में बदलाव होने की संभावना है। बोर्ड पाकिस्तान के खराब प्रदर्शन का आकलन करेगा, लेकिन फिलहाल बाबर आजम की कप्तानी पर कोई खतरा नहीं है। जानकारी के अनुसार चयन समिति के संचालन को सुव्यवस्थित करना बोर्ड की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
ईएसपीएनक्रिकइन्फो के अनुसार चयन समिति में लोगों की संख्या कम की जाएगी। साथ ही पीसीबी चयन समिति का प्रमुख न रखने के अपने प्रयोग को छोड़ने पर भी विचार कर रहा है। तीन महीने से भी कम समय पहले वर्तमान चयन समिति बनाई गई थी। वहाब रियाज तब तक इसके अध्यक्ष के रूप में काम कर रहे थे। उनसे यह पद छीन लिया गया। हालांकि वे समिति के सदस्य बने रहे। सात सदस्यों में से प्रत्येक के पास बराबर वोट थे। तब पीसीबी के अध्यक्ष मोहसिन नकवी ने कहा था कि समिति “संतोषजनक निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए बहस और तर्क के आधार पर बहुमत से निर्णय लेगी।
वहाब चयन समिति से हो सकते हैं बाहर
हालांकि, अगर चयन समिति के अध्यक्ष पद फिर से बनाया जाता है, तो वहाब के इस पद पर होने की उम्मीद नहीं है। ईएसपीएनक्रिकइंफो के अनुसार पीसीबी और वहाब इस बात को लेकर निराश हैं कि लोगों में उनके चयन समिति के प्रमुख होने की धारणा है। परिणामस्वरूप किसी भी आलोचना का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ता है। वहाब के समिति से बाहर होने की पूरी संभावना है। नकवी सार्वजनिक रूप से यह दिखाना चाहते हैं कि कोई भी प्रतिकूल परिणामों से नहीं बच सकता।
बाबर आजम की कप्तानी पर अभी खतरा नहीं
इस बीच माना जा रहा है कि बाबर आजम की कप्तानी पर तुरंत किसी निर्णय की उम्मीद नहीं है। पाकिस्तान के मौजूदा टी20 विश्व कप से बाहर होने के बाद से भावनात्मक रूप से तनावपूर्ण स्थिति के बावजूद, ऐसा महसूस किया जा रहा है कि किसी भी तरह से कोई निर्णय लेने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि पाकिस्तान को व्हाइट बॉल क्रिकेट नवंबर तक नहीं खेलना है।
गैरी कर्स्टन की प्रतिक्रिया को गंभीरता से लिया जाएगा
पीसीबी समीक्षा में प्रबंधन के कई सदस्यों की प्रतिक्रिया शामिल होगी जो दौरे पर टीम के साथ थे। विशेष रूप से मुख्य कोच गैरी कर्स्टन। कर्स्टन की राय पीसीबी में प्रभावी है, जिन्हें कोच की व्यापक खोज के बाद अप्रैल में नियुक्त किया गया था। टूर्नामेंट से पाकिस्तान के बाहर होने के बाद कर्स्टन की ओर से टीम में एकता की कमी पर निराशा व्यक्त करने की कई रिपोर्ट सामने आईं।