भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली आज अपना 47वां जन्मदिन मना रहे हैं। सौरव गांगुली बल्लेबाजी के साथ-साथ टीम की कप्तानी के लिए भी काफी मशहूर थे। गांगुली की कप्तानी में टीम का आत्मविश्वास पहले के मुकाबले काफी बढ़ा और टीम को विदेशी सरजमीं पर भी जीतने की आदत लगी। गांगुली ने अपनी कप्तानी के दौरान कई युवा खिलाड़ियों को मौका दिया, जिनमें वीरेंद्र सहवाग और युवराज सिंह जैसे धुरंधरों का नाम सबसे ऊपर आता है। गांगुली को पहली बार भारतीय वनडे टीम की कप्तानी करने का मौका साल 1999 में मिला। साल 1999 से लेकर 2005 तक गांगुली की कप्तानी में भारतीय टीम ने कई नए रिकॉर्ड अपने नाम किए। इस दौरान खेले गए 146 मैच में भारत को 76 में जीत और 65 में हार का सामना करना पड़ा। इस दौरान भारत की जीत प्रतिशत 53.9 रही और भारतीय पुराने रिकॉर्ड से यह आकड़ें काफी बेहतर थे। टेस्ट की बात करें तो गांगुली ने भारत के लिए 49 टेस्ट मैचों में कप्तानी की है। इस दौरान उनका और टीम का प्रदर्शन शानदार रहा।

गांगुली की कप्तानी में खेले गए 49 टेस्ट मैचों में भारतीय टीम को 21 में जीत हासिल हुई थी। विराट कोहली और महेंद्र सिंह धोनी के बाद टेस्ट क्रिकेट में बतौर कप्तान गांगुली का रिकॉर्ड शानदार रहा। साल 2003 गांगुली के लिए कई चीजों के लिए यादगार रहा। इस साल एक ओर जहां वह टीम को वर्ल्ड कप फाइनल तक ले जाने में कामयाब रहे तो वहीं दूसरी ओर उनका फॉर्म भी शानदार रहा।
साल 2003 में गांगुली ने 4 टेस्ट मैचों में 65 की शानदार औसत के साथ 393 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने दो शतक और एक अर्धशतक भी लगाया। मैदान पर विराट कोहली बेहद आक्रमक रहते हैं तो वहीं धोनी कूल जबकि गांगुली का अंदाजा इन दोनों से ही अलग था। सौरव गांगुली सिचुएशन के हिसाब से खुद को ढालना बखूबी जानते थे।