100 से अधिक वर्षों के इतिहास में पहली बार, आज़ाद मैदान में शौचालय बनाने जा रहा है। महाराष्ट्र के खेल मंत्री और मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) के पूर्व अध्यक्ष आशीष शेलार के अनुसार, राज्य सरकार मुंबई के तीन नर्सरी – आज़ाद मैदान, क्रॉस मैदान और ओवल मैदान में स्थित क्लबों के लिए शौचालय की मंजूरी देगी। शेलार ने कहा “हमने एमसीए के साथ एक बैठक की। खेल विभाग शौचालय के लिए एमसीए द्वारा तैयार की गई योजना पर हेरिटेज कमेटी के समक्ष रखेगा, जो कि आवश्यकताओं में से एक है। हम क्लबों के टेंट के लिए डगआउट की व्यवस्था भी करेंगे। मैं हेरिटेज समिति के साथ इस बारे में बात कर आवश्यक अनुमति प्राप्त करने की कोशिश करूंगा।”
शेलार के आश्वासन के बाद भाजपा नेता और दो क्लबों नेशनल सीसी और यूनाइटेड क्रिकेटर्स के प्रतिनिधियों के बीच एक बैठक हुई। नेशनल सीसी क्लब के दत्ता मितवभाकर ने कहा “हम आशीषजी से मिले, और उन्होंने हमारे अनुरोध को स्वीकार कर लिया। हमारे मैदानी क्लबों के पास यह मूलभूत सुविधा नहीं है, लड़कियों को कपड़े बदलने के लिए कोई चेंजिंग रूम भी नहीं है।” अजीत वाडेकर, सुनील गावस्कर, दिलीप वेंगसरकर और संदीप पाटिल से लेकर सचिन तेंदुलकर, अजिंक्य रहाणे तक, मुंबई के क्रिकेटरों की कई पीढ़ियों ने इस मैदान में खेला है।
भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज वसीम जाफर ने कहा, ”इसे बहुत पहले हो जाना चाहिए था लेकिन अगर अब ऐसा हो रहा है तो यह स्वागत योग्य है। मैंने कई बार देखा है – मैच से पहले कई खिलाड़ी पास के स्टेशनों पर टॉयलेट के लिए भाग के जाते थे। क्योंकि मैदान में शौचालय की सुविधा नहीं है। कभी-कभी, जब हम फील्डिंग कर रहे होते हैं, तो हम चारों ओर देखते हैं और आश्चर्य करते हैं कि एक खिलाड़ी कहां गायब हो गया था। कुछ लोग चर्चगेट स्टेशन जाते थे, कुछ सीएसटी जाते थे, या आपको फैशन स्ट्रीट जाना पड़ता था।”
भारतीय टीम के मौजूदा स्टार खिलाड़ी अजिंक्य रहाणे चेतेश्वर पुजारा और रोहित शर्मा सभी के पास साझा करने के लिए इस मैदान की कुछ कहानियां हैं। भारत के तेज गेंदबाज शार्दुल ठाकुर ने कहा “मैं पालघर से चर्चगेट जाने के लिए सुबह 4 बजे ट्रेन लेता था और अक्सर वहां सार्वजनिक शौचालय की कतार में लगता था क्योंकि मैदान में कोई शौचालय था। एक लंच ब्रेक 40 मिनट का मिलता था … स्टेशन तक पहुंचने में 15 मिनट लगते हैं और लौटने में 15 मिनट। यदि कतार लंबी है, तो 15 मिनट और जोड़ें। जब तक कोई खिलाड़ी लौटता है, उसे लंच छोड़ना पड़ता है।”
अधिकारियों ने, हालांकि, चेतावनी दी है कि एक महत्वपूर्ण सवाल यह है: क्या बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) की हेरिटेज समिति एक अर्ध-संरचना कनिर्माण की अनुमति देगी? अतीत में, कुछ क्लबों ने अपने टेंट में शौचालय का निर्माण किया था, लेकिन आजाद मैदान को एक हेरिटेज एरिया के रूप में चिह्नित किए जाने के बाद से उन्हें ध्वस्त कर दिया गया था।