भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का मानना है कि आईसीसी विश्व टी20 को ध्यान में रखते हुए बल्लेबाजों के बड़े शॉट खेलने का अभ्यास करने के लिए शेर ए बांग्ला स्टेडियम की पिच ‘आदर्श नहीं’ है। धोनी ने एशिया कप के कम स्कोर वाले मैच में पाकिस्तान पर भारत की जीत के बाद कहा, ‘‘हमने सोचा था कि यह टी20 विश्व कप का काफी अच्छा अभ्यास होगा लेकिन शॉट खेलने के संदर्भ में शायद ऐसा नहीं है। लेकिन जहां तक खेल को पढ़ना और हालात का सम्मान करने की बात है तो यह हमारे लिए अच्छा है।’’

भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘यह टी20 क्रिकेट के लिए अच्छा है इसका जवाब देना मुश्किल है क्योंकि काफी उछाल और मूवमेंट है। यहां मैदान पर उतरकर बड़े शॉट खेलना काफी मुश्किल है। एक मैच में हमने 170 रन बनाए लेकिन ऐसा लग रहा था कि हम 140 रन बनाएंगे लेकिन आक्रामक बल्लेबाजी और कुछ अच्छे ओवरों से कम 170 तक पहुंचने में सफल रहे। अन्य सभी मैच कम स्कोर वाले रहे जो अच्छा नहीं है।’’

धोनी इस बात से सहमत हैं कि ट्वेंटी20 मैच में लोग 80 रन या 100 रन के आसपास का स्कोर देखने नहीं आते। उन्होंने कहा, ‘‘आपको पता है कि लोगों को टी20 छक्कों और चौकों के लिए पसंद है। साथ ही आप नहीं चाहते कि 80 या 100 रन के आसपास का स्कोर बने। कम स्कोर वाला मैच 130-135 रन का होना चाहिए जबकि बड़े स्कोर वाला मैच 200 से 240 रन के बीच हो सकता है। एक तरह से यह (84 रन का पीछा करना) हमारे लिए अच्छा है क्योंकि हम ऐसी टीम है जो आक्रामक क्रिकेट खेलती है।’’

धोनी ने खुशी जताई कि विराट कोहली दबाव के हालात में लगातार अतिरिक्त जिम्मेदारी ले रहा है लेकिन उन्होंने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि क्या दिल्ली का यह बल्लेबाज मुश्किल के समय में भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज है।

उन्होंने कहा, ‘‘आखिर ऐसा क्यों होता है कि हम हमेशा तुलना करते हैं। अन्य खिलाड़ियों ने भी प्रदर्शन किया है और मैं व्यक्तिगत खिलाड़ियों की तुलना में विश्वास नहीं रखता। मैंने पांच साल से अधिक समय तक कप्तानी की है और मैं नहीं बता सकता कि प्रत्येक खिलाड़ी कितने दबाव में होता है। उसने (कोहली ने) हमारे लिए लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है और अतिरिक्त जिम्मेदारी लेने को तैयार है।’’

धोनी ने युवराज सिंह भी जुझारू पारी की भी तारीफ की और उनका माना है कि रन से अधिक महत्वपूर्ण यह है कि उन्होंने कितनी गेंद का सामना किया। कप्तान ने कहा, ‘‘हालात मुश्किल थे। आपको इसे हमेशा ध्यान में रखना होता है। निचले क्रम में बल्लेबाजी करते हुए विकेट गंवाने का दबाव होता है। आप जितना निचले क्रम में जाओगे दबाव बढ़ता जाएगा। मेरे लिए युवराज ने कितने रन बनाए इससे अधिक महत्वपूर्ण था कि उसने कितनी गेंद का सामना किया। वह कुछ मौकों पर चूक रहा था लेकिन उसने शाट खेलने की कोशिश की। इससे उसे काफी आत्मविश्वास मिलेगा। उम्मीद करता हूं कि वह बेहतर हालात में अच्छे शॉट खेल पाएगा।’’

धोनी ने साथ ही स्वीकार किया कि इस पिच पर 84 रन के लक्ष्य का पीछा करना भी आसान नहीं था।