महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर अपनी कड़ी मेहनत और खेल के प्रति जुनून के कारण अंतरराष्ट्रीय करियर में सफलता के शिखर पर पहुंचे। प्रतिभाशाली युवा क्रिकेटर से विश्व का सबसे महान क्रिकेटर बनने का उनका सफर न केवल भारत बल्कि दुनियाभर के उभरते क्रिकेटरों के लिए प्रेरणा का काम करती है।

तेंदुलकर ने शुक्रवार को इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया। इसमें उन्होंने अपने ट्रेनिंग के दिनों की एक भावुक कहानी सुनाई। वीडियो में तेंदुलकर को बेस्ट बस नंबर 315 के बगल में खड़ा देखा जा सकता है, जिससे वह शिवाजी पार्क जाते थे, जहां वह अपने कोच रमाकांत आचरेकर उन्हें क्रिकेट का गुर सिखाते थे।

तेंदुलकर ने कहा, “बहुत सालों बाद मैंने 315 नंबर की बस देखी है। यह बांद्रा और शिवाजी पार्क के बीच चलती थी और इस बस से यात्रा करता था और शिवाजी पार्क पहुंचने और अपना अभ्यास शुरू करने के लिए बहुत उत्साहित होता था।”

तेंदुलकर ने आगे, कहा, “अभ्यास के बाद मैं थक जाता और उम्मीद करता कि मेरी पसंदीदा सीट, खिड़की के पास बस की आखिरी सीट खाली होगी ताकि मैं वहां बैठ सकूं और बाहर से ठंडी हवा का आनंद ले सकूं। ऐसे दिन थे जब मैं सो जाता था और कई बार भूलकर अपने बस स्टॉप से आगे चला जाता था। लेकिन बड़ा मजा आता था।”

बता दें कि तेंदुलकर टेस्ट और वनडे में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले क्रिकेटर हैं। यही नहीं उनके नाम दोनों फॉर्मेंट में सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय शतक जड़ने का भी रिकॉर्ड है। वनडे में 49 और टेस्ट 51 शतक उन्होंने जड़ा। वह 100 अंतरराष्ट्रीय शतक लगाने वाले अब तक के एकमात्र क्रिकेटर भी हैं। वनडे में सबसे उन्होंने ही दोहरा शतक जड़ा था। टीम इंडिया के पूर्व कप्तान तेंदुलकर ने अपने छठे और आखिरी प्रयास में आईसीसी विश्व कप ट्रॉफी जीती। भारत ने 2011 में सचिन के गृहनगर मुंबई में यह ट्रॉफी जीती थी। साल 2013 में उन्होंने संन्यास लिया था।