चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने हैदराबाद के खिलाफ फाइनल मैच में हरभजन सिंह को प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं दी। हरभजन सिंह इस सीजन चेन्नई के लिए ज्यादातर मैचों में अपनी गेंदबाजी से विरोधी टीम के बल्लेबाजों को खामोश रखने का काम किया था। हैदराबाद के खिलाफ पहले क्वालिफाइर मैच में हरभजन सिंह टीम शामिल तो थे, लेकिन उन्हें गेंदबाजी करने का मौका नहीं मिला था। वहीं फाइनल मैच में धोनी ने उन्हें टीम से बाहर रखने का फैसला किया। मैच के बाद खुद हरभजन सिंह ने इस बारे में बात करते हुए कहा, ”पिछले मैच में गेंदबाजी का मौका नहीं मिला, हमारी टीम में गेंदबाजों का विकल्प शरू से ही दूसरे टीमों की तुलना में ज्यादा है। धोनी ने फाइनल मैच में कर्ण शर्मा को मौका दिया, मुझे इस बात की खुशी है। कर्ण एक रिस्ट स्पिनर हैं, जो गेंद को बल्लेबाजों से दूर रखते हैं। उन्होंने इस मैच में भी शानदार गेंदबाजी की और केन विलियमसन को पवेलियन भी भेजा। मेरी जगह कर्ण को खिलाने का धोनी का फैसला बिल्कुल सही था”।
कर्ण शर्मा ने चार ओवर के अपने स्पेल में 25 रन देकर एक विकेट हासिल किया। बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ जब किसी फाइनल मुकाबले में हरभजन सिंह की जगह कर्ण शर्मा को खिलाया गया हो। पिछले साल ये दोनों ही खिलाड़ी मुंबई की टीम में थे। पूरे सीजन हरभजन सिंह को खिलाने वाले कप्तान रोहित शर्मा ने अंतिम मैच में कर्ण शर्मा को प्लेइंग इलेवन में शामिल कर लिया था। हरभजन सिंह को इस साल उनके बेस प्राइज पर चेन्नई की टीम ने खरीदा था।
यह चेन्नई का सातवां आईपीएल फाइनल था और उसके कप्तान धोनी का आठवां। चेन्नई का नाम आईपीएल इतिहास की सबसे सफल टीमों में गिना जाता है क्योंकि उसने नौ सीजन खेले हैं और सभी बार प्लेऑफ में जगह बनाई ।