इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की विभिन्न टीमों में खेलने वाले बड़े क्रिकेटर्स के बारे में तो हर कोई जानता है, लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि मुसीबत के वक्त इन नामी क्रिकेटर्स की मदद कौन करता है। क्या आप जानते हैं कि जब इन क्रिकेटर्स को अपना पसंदीदा बल्ला ठीक कराना होता है, तो ये किसे याद करते हैं। आपको यह जानकर बेहद आश्चर्य होगा कि ऐसे वक्त पर खुद ‘बैटमैन’ आकर इन क्रिकेटर्स की मदद करता है। अब आप लोग सोच रहे होंगे कि बैटमैन कैसे आ सकता है, क्योंकि यह तो एक काल्पनिक कैरेक्टर है, तो हम आपको बता दें कि यहां असलम चौधरी नाम के व्यक्ति को ‘बैटमैन’ कहा जा रहा है।
जब आईपीएल के क्रिकेटर्स को अपना पसंदीदा बल्ला जल्द से जल्द ठीक कराना होता है तब ये सभी असलम चौधरी को याद करते हैं। मुंबई में रहने वाले 65 वर्षीय चौधरी बल्ले बनाने और रिपेयर करने का काम करते हैं। आईपीएल के दौरान जब भी किसी क्रिकेटर का पसंदीदा बल्ला क्षतिग्रस्त हो जाता है, असलम चौधरी की मदद ली जाती है। चौधरी जरूरत पड़ने पर क्रिकेटर्स की मदद करते हैं और बल्ले रिपेयर करते हैं, वह बल्ले खुद बनाते भी हैं, उनके द्वारा बनाए गए बल्लों पर दो गेंद और पंख निकले बैट की तस्वीर होती है, इसलिए उन्हें ‘बैटमैन’ कहा जाता है।
चौधरी बताते हैं, ‘मैंने सचिन तेंदुलकर, फाफ डुप्लेसिस, स्टीव स्मिथ और क्रिस गेल जैसे क्रिकेटर्स के बल्ले रिपेयर किए हैं। मैंने पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का बल्ला भी रिपेयर किया है।’ चौधरी बताते हैं कि अधिकतर क्रिकेटर्स के प्रतिनिधी ही उन्हें फोन करके बुलाते हैं, लेकिन एक बार खुद कप्तान विराट कोहली ने उन्हें कॉल किया था। कोहली ने फोन पर कहा था, ‘मैं विराट कोहली बोल रहा हूं।’ चौधरी ने बताया कि जैसे ही फोन पर उन्हें यह शब्द सुनाई पड़े उन्हें लगा कि कोई उनके साथ मजाक कर रहा है।
मुंबई में असलम की एम अशरफ ब्रॉज नाम से बल्ले की दुकान है। चौधरी के पिता ने साल 1920 में यह दुकान डाली थी, धीरे-धीरे उनका काम इतना बढ़ गया कि अब देश और दुनिया के हर बड़े क्रिकेटर्स के बल्ले यहां रिपेयर किए जाते हैं। चौधरी का कहना है कि आईपीएल के दौरान उनका काम काफी ज्यादा बढ़ जाता है, क्योंकि इस दौरान क्रिकेटर्स के बल्ले काफी ज्यादा क्षतिग्रस्त होते हैं। आईपीएल में बल्लेबाजों के पास ज्यादा गेंदें नहीं होती हैं, इसलिए वह ज्यादा से ज्यादा छक्के और चौक्के लगाने की कोशिश करते हैं, ऐसे में पूरी ताकत लगाकर बल्ले से शॉट मारने की कोशिश की जाती है। इस कोशिश में ही क्रिकेटर्स के बल्ले आईपीएल में ज्यादा क्षतिग्रस्त होते हैं। चौधरी ने बताया, ‘आईपीएल के दौरान मुझे बहुत से फोन आते हैं। मुझे बुलाया जाता है, मैं जाता हूं और क्रिकेटर्स के बल्ले लेकर आता हूं। मेरे पास समय काफी कम होता है, क्योंकि अधिकतर क्रिकेटर्स को अगले मैच के लिए दूसरी जगह जल्दी-जल्दी जाना होता है, ऐसे में मुझे बेहद कम समय में ही बल्ले रिपेयर करने होते हैं।’