भारत की उभरती हुई बैडमिंटन स्टार उन्नति हुड्डा का चाइना ओपन सुपर 1000 में स्वप्निल सफर समाप्त हो गया। वह शुक्रवार 25 जुलाई 2025 को क्वार्टर फाइनल में विश्व की चौथे नंबर की शटलर जापान की अकाने यामागुची से सीधे गेमों में हार गईं। 17 साल की उन्नति हुड्डा 33 मिनट तक चले मैच में 16-21, 12-21 से हार गईं। हालांकि हार के बावजूद, यह टूर्नामेंट उन्नति के लिए खास रहा।

सिंधु को हरा किया था उलटफेर

उन्नति ने गुरुवार 24 जुलाई 2025 को अपनी आदर्श और 2 बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधु को प्री-क्वार्टर फाइनल में 21-16, 19-21, 21-13 से हराकर करियर की अब तक की सबसे बड़ी जीत दर्ज की थी। पीवी सिंधु पर यह जीत सिर्फ एक उलटफेर भर ही नहीं, बल्कि भारतीय बैडमिंटन में एक नई स्टार के उभरने का संकेत भी है।

साइना-सिंधु के क्लब में शामिल हुईं उन्नति

यही नहीं, उन्नति भले ही टूर्नामेंट से बाहर हो गई हों, लेकिन उन्होंने BWF सुपर 1000 टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल तक पहुंचने वाली चौथी भारतीय महिला खिलाड़ी बनकर इतिहास रच दिया। इससे पहले यह उपलब्धि साइना नेहवाल, पीवी सिंधु और मालविका बंसोड़ के नाम रही है।

जापान खिलाड़ी को दी कड़ी चुनौती

उन्नति हुड्डा और अकाने यामागुची के बीच खेले गए क्वार्टर फाइनल मैच की बात करें तो पहले गेम की शुरुआत में भारतीय किशोरी ने जापान की अनुभवी शटलर को कड़ी टक्कर दी। स्कोर बराबरी पर चल रहा था, लेकिन गेम के मध्य में यामागुची ने पांच लगातार अंक हासिल कर बढ़त बना ली और पहला गेम 21-16 से अपने नाम किया। पहले गेम में उन्नति की सबसे लंबी अंक शृंखला 3 अंकों की रही।

दूसरे गेम में भी यही कहानी दोहराई गई। भारतीय खिलाड़ी ने बीच में थोड़ी देर के लिए चुनौती पेश की और लगातार चार अंक हासिल किए, लेकिन अकाने यामागुची ने अपने अनुभव का फायदा उठाते हुए लगातार 6 अंक बनाए और दूसरा गेम 21-12 से अपने नाम करके सेमीफाइनल में जगह बनाई।

‘यामागुची के खिलाफ धैर्य से खेलना होगा’

उन्नति हुड्डा ने हार के बाद कहा, ‘जब स्कोर बराबर था, तब मैं कई बार अनफोर्स्ड एरर कर रही थी। वह (यामागुची) अपने ड्रॉप शॉट्स में बहुत अच्छी थीं और उन्होंने खेल पर नियंत्रण बनाए रखा।’ विश्व नंबर 4 यामागुची के साथ अपनी पहली भिड़ंत से क्या सीखा, यह पूछे जाने पर इस किशोरी ने कहा, ‘मुझे उनके खिलाफ और धैर्य रखना होगा, क्योंकि उनका डिफेंस वाकई बहुत अच्छा है। मैं पॉइंट पूरा करने की जल्दी में नहीं रह सकती। मुझे सही समय पर अटैक करने के लिए धैर्य रखना होगा।’

भारत की उम्मीद अब सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की पुरुष युगल जोड़ी पर टिकी है जो क्वार्टर फाइनल में यू सिन ओंग और ई यी तेओ की मलेशिया जोड़ी का सामना करेगी।