कोरोनावायरस के पूरी दुनिया में महामारी फैल गई है। चीन के वुहान शहर से निकला यह वायरस 1 लाख 60 हजार से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है। हालांकि, चीन में इस वायरस का प्रभाव कम हुआ है और वहां पूर्ण लॉकडाउन की स्थिति अब नहीं है। इसी बीच चीन के फुटबॉल क्लब ने वापसी की तैयारी शुरू कर दी है। फुटबॉल क्लब गुआंगझू एवरग्रैंड टाओबाओ ने एक विशाल स्टेडियम बनाने की शुरुआत कर दी है। इसमें एक बार में 1 लाख लोग मैच देख सकते हैं। यह दुनिया का सबसे बड़ा फुटबॉल स्टेडियम होगा।

कमल के फूल के डिजाइन में बनने वाले इस स्टेडियम की लागत करीब 130 अरब रुपए (1.7 बिलियन डॉलर) है। यह स्टेडियम 2022 में बनकर तैयार हो जाएगा। दरअसल, यूरोप फुटबॉल का केंद्र माना जाता है। कोरोनावायरस के कारण वहां की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुंचा है और कई टूर्नामेंट रोक दिए गए हैं। यहां तक क्लब ने खिलाड़ियों और स्टाफ की सैलरी भी काटी है। यूरोप से रिटायर होने वाले खिलाड़ी चीन, जापान और कोरिया में खेलने जाते हैं। ऐसे में चीन इस स्टेडियम को बनाकर फुटबॉल का नया हब बनना चाहता है। वह ज्यादा से ज्यादा खिलाड़ियों को अपने यहां बुलाना चाहता है।

चीन के एक रियल एस्टेट कोंगलोमेराटे एवरग्रैंड के अध्यक्ष शिया हाईजुन ने कहा, ‘‘स्टेडियम को बनाने का काम शुरू हो गया है। हमारा लक्ष्य सिडनी ओपेरा हाउस और दुबई के बुर्ज खलीफा की तरह एक नए लैंडमार्क को स्थापित करने का है। यह चीनी फुटबॉल का प्रतीक होगा।’’ फिलहाल गुआंगझू एवरग्रैंड टाओबाओ क्लब के पास 2011 से एक 60 हजार दर्शक क्षमता वाला स्टेडियम है। नया स्टेडियम बार्सिलोना के कैम्प नाऊ को पीछे छोड़ देगा। वहां की दर्शक क्षमता 99,354 है। इस क्लब के लिए स्टार फुटबॉलर लियोनल मेसी खेलते हैं।


इस नए स्टेडियम का डिजाइन शंघाई के रहने वाले अमेरिकन डिजायनर हसन सयैद ने तैयार किया है। कमल के फूल का डिजाइन इसलिए तय किया गया है कि गुआंगझू फ्लावर सिटी कहा जाता है। स्टेडियम में 16 VVIP प्राइवेट रूम, 152 VIP प्राइवेट रूम, फीफा एरिना, एथलीट एरिना, मीडिया एरीना और प्रेस रूम होगा। एवरग्रैंड चीन में 80 हजार से 1 लाख तक की दर्शक क्षमता वाले 5-6 स्टेडियम और बनाने के बारे में सोच रहा है। यह क्लब एशिया और चीन का सबसे सफल क्लब है। चीन की नजर फुटबॉल वर्ल्ड कप की मेजबानी करने पर है। यह क्लब चाइनिज सुपर लीग को आठ बार जीत चुका है। साथ ही दो बार एशियन चैंपियंस लीग जीतने वाला चीन का इकलौता क्लब भी है।