अनुभवी बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने सोमवार को स्वीकार किया कि भारतीय टेस्ट टीम से बाहर होना निराशाजनक अनुभव था। इससे उन्हें आत्म-संदेह और अहं पर चोट का सामना करना पड़ा। ईएसपीएनक्रिकइंफो से बातचीत में चेतेश्वर पुजारा ने यदि आपको 90 टेस्ट और 6000 अंतरराष्ट्रीय रन बनाने के बाद भी खुद को साबित करना पड़ा तो गुस्सा आता है।
पैंतीस साल के इस बल्लेबाजी को वेस्टइंडीज दौरे के लिए भारतीय टेस्ट टीम में जगह नहीं मिली थी। भारत के लिए 103 टेस्ट खेलने वाले पुजारा ने राष्ट्रीय टीम के लिए पिछला टेस्ट जून में द ओवल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के रूप में खेला था। उसमें उन्होंने 14 और 27 रन बनाए थे।
चेतेश्वर पुजारा ने ‘फाइनल वर्ड पोडकास्ट’ से कहा, ‘पिछले कुछ वर्षों में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ा। यह एक खिलाड़ी के रूप में आपकी परीक्षा लेता है, क्योंकि 90 से अधिक टेस्ट खेलने के बावजूद मुझे अब भी खुद को साबित करना पड़ता है। मुझे अब भी साबित करना पड़ता है कि मैं वहां रहने का हकदार हूं। यह अलग तरह की चुनौती है।’
कभी-कभी हताश हो जाते हैं चेतेश्वर पुजारा
चेतेश्वर पुजारा ने कहा कि टीम से बाहर होने से वह कभी-कभी हताश हो जाते हैं। उन्होंने कहा, ‘कभी-कभी आप हताश हो जाते हो, यहां तक कि अगर आपको 90 टेस्ट के बाद या पांच-छह हजार रन या मैंने जितने भी रन बनाए उसके बाद, खुद को साबित करना पड़ता है। यह आसान नहीं है। कभी-कभी यह आपके अहं के साथ खेलता है। अब भी संदेह हो जाता है- क्या आप पर्याप्त सक्षम हो।’
WTC 2021-23 में भारत के दूसरे सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज रहे थे चेतेश्वर पुजारा
इंग्लिश काउंटी क्रिकेट में ससेक्स की ओर से खेल रहे चेतेश्वर पुजारा ने कहा, ‘अगर आपको बार-बार खुद को साबित करना पड़ता है तो आप सोचते हो कि क्या ऐसा करना जरूरी है।’ पुजारा पिछले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप चक्र (2021-23) में 17 टेस्ट में 928 रन के साथ भारत के दूसरे सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज रहे। उनसे अधिक रन सिर्फ विराट कोहली ने बनाए। विराट कोहली 932 रन के साथ शीर्ष पर रहे थे।
चेतेश्वर पुजारा ने घरेलू मैच में भी 3 शतक जड़े। सौराष्ट्र के इस बल्लेबाज ने दलीप ट्रॉफी में पश्चिम क्षेत्र की ओर से मध्य क्षेत्र के खिलाफ खेलते हुए 133 रन बनाए। उन्होंने वनडे-कप में ससेक्स की ओर से नॉर्थम्पटनशर और समरसेट के खिलाफ क्रमश: नाबाद 106 और 117 रन बनाए। पुजारा को यकीन है कि वह अब भी भारतीय क्रिकेट को काफी कुछ दे सकते हैं।