भारतीय क्रिकेट के दिग्गज चेतेश्वर पुजारा ने रविवार (24 अगस्त) को क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया। वह भारत की टेस्ट टीम से 26 महीने से बाहर थे। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल 2023 के बाद भारतीय टीम से बाहर हो गए थे। इसके बाद भी पुजारा का अचानक संन्यास लेने का फैसला हैरानी भरा है। बीते सप्ताह खबर आई थी कि वह घरेलू क्रिकेट के आगामी सत्र के लिए सौराष्ट्र के लिए खेलने के लिए उपलब्ध रहेंगे।

पुजारा ने इंस्टाग्राम पर एक भावुक नोट लिखकर क्रिकेट से संन्यास का ऐलान किया। इस पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, “भारतीय जर्सी पहनना, राष्ट्रगान गाना और हर बार मैदान पर कदम रखते ही अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करना – इसका असली मतलब शब्दों में बयां करना नामुमकिन है। लेकिन जैसा कि कहा जाता है हर अच्छी चीज का अंत होता है और अपार कृतज्ञता के साथ मैंने भारतीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने का फैसला किया है।”

चेतेश्वर पुजारा का करियर

37 वर्षीय पुजारा ने 2010 में डेब्यू के बाद भारत के लिए 103 टेस्ट और 5 वनडे मैच खेले। उन्होंने 43.60 की औसत से 19 शतकों और 35 अर्धशतकों सहित 7,195 टेस्ट रन बनाए। उनका सर्वोच्च 205 रन था। एक दशक से भी ज्यादा समय तक, वह भारत के सबसे भरोसेमंद नंबर 3 बल्लेबाज रहे। भारत और विदेशी में टीम की कुछ सबसे बड़ी टेस्ट जीत में अहम भूमिका निभाई। पुजारा टेस्ट में भारत के लिए 8वें सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उन्होंने 21301 रन बनाए हैं।

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चेतेश्वर पुजारा का आईपीएल करियर

चेतेश्वर पुजारा ने इंडियन प्रीमियर लीग में 4 टीमों किंग्स इलेवन पंजाब (अब पंजाब किंग्स), रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु, कोलकाता नाइट राइडर्स और चेन्नई सुपर किंग्स का प्रतिनिधित्व किया। चेन्नई सुपर किंग्स के लिए उन्हें एक भी मैच खेलने को नहीं मिला। आईपीएल में पुजारा ने 30 मैच में 20.52 के औसत और 99.74 के स्ट्राइक रेट से 390 रन बनाए। इसमें 1 अर्धशतक शामिल है।

ऑस्ट्रेलिया में भारत की पहली टेस्ट सीरीज जीत का हिस्सा रहे

पुजारा ने दिसंबर 2005 में सौराष्ट्र के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण किया और इस साल की शुरुआत में। पिछले रणजी ट्रॉफी सीजन में भी उसके लिए खेले। उन्होंने 2010 के अंत में बेंगलुरु में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया और उनके खिलाफ 2018-19 और 2020-21 में ऐतिहासिक सीरीज जीत का हिस्सा रहे। वह 2018-19 में चार टेस्ट मैचों की सीरीज में 521 रन बनाकर प्लेयर ऑफ द सीरीज रहे। यह ऑस्ट्रेलियाई धरती पर भारत की पहली टेस्ट सीरीज जीत थी।