भारत को घरेलू मैदान पर टेस्ट इतिहास की अपनी सबसे बड़ी हार (408 रन) झेलनी पड़ी। साउथ अफ्रीका ने दूसरे टेस्ट में भारत को हराने के साथ ही दो टेस्ट मैच की सीरीज भी 2-0 से अपने नाम की। इस करारी शिकस्त के बाद गौतम गंभीर की कोचिंग को लेकर चौतरफा सवाल खड़े हो गए। गुवाहाटी के बरसापारा क्रिकेट स्टेडियम में उन्हें हूटिंग तक झेलनी पड़ी।

ऐसी हार उस टीम के लिए और भी शर्मनाक है, जिसका दशकों तक घरेलू हालात में दबदबा था। टीम इंडिया की घर में रनों के अंतर के लिहाज से सबसे बड़ी हार के बाद से खिलाड़ी और मैनेजमेंट दोनों ही निशाने पर हैं। हेड कोच गौतम गंभीर की भी आलोचना तेज हो गई है। इस बीच, रविचंद्रन अश्विन ने इस मुद्दे पर अपना नजरिया पेश किया। उन्होंने अपने यूट्यूब (YouTube) चैनल पर संयम और मिलकर जिम्मेदारी निभाने की अपील की।

वरिष्ठ ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने साफ शब्दों में यह संदेश दिया कि हार की पूरी जिम्मेदारी सिर्फ कोच पर डालना गलत है, खिलाड़ियों को भी आत्ममंथन करना होगा। रविचंद्रन अश्विन ने ‘आटा होगा तभी रोटी बनेगी’ वाला उदाहरण देते हुए कहा, ‘गौतम मेरा रिश्तेदार नहीं है।’

कोच खेलने नहीं जा सकता: अश्विन

अश्विन ने कहा, ‘हम जिम्मेदारी पूछना चाहते हैं। यह आसान है, क्योंकि इंडियन क्रिकेट में… आप जानते हैं और मैं भी जानता हूं… इसमें बहुत कुछ मिलता है और बहुत पैसा भी लगता है। बहुत से लोग यह काम करने के लिए तैयार हैं और हमेशा ऐसे लोग होंगे जो इसमें हाथ आजमाएंगे, लेकिन सच तो यह है कि कोच बल्ला उठाकर खेलने नहीं जा सकता। वह सिर्फ अपना काम कर सकता है, खिलाड़ियों से बात कर सकता है। बस इतना ही।’

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अश्विन का मानना है कि कोच और कप्तान के फैसले लेने की क्षमता में हमेशा सुधार होने की गुंजाइश रहती है, लेकिन उसे लागू करना खिलाड़ियों का काम है। अश्विन ने कहा, ‘एक कोच क्या कर सकता है? खुद को कोच की जगह रखकर देखो। आप कह सकते हैं कि खिलाड़ी को निरंतरता चाहिए…, मैं इससे सहमत हूं कि अभी असुरक्षा है और बहुत रोटेशन हुआ है, लेकिन खेलना, परफॉर्म करना और स्किल दिखाना खिलाड़ी की जिम्मेदारी है।’

अश्विन ने जोर देते हुए कहा, ‘बतौर खिलाड़ी आपको उस चीज को नियंत्रण करना चाहिए जो आपके कंट्रोल में है। फैसले लेने का काम कोच और कप्तान का होता है। मैंने इतने खिलाड़ियों को इतनी जिम्मेदारी लेते नहीं देखा कि वे कह सकें कि कोच या X या Y में कुछ गड़बड़ है।’

बिना सोचे-समझे प्रतिक्रिया नहीं दें: अश्विन

अश्विन ने एक उदाहरण देते हुए कहा, ‘तमिल में हम कहते हैं कि अगर आपके पास आटा है, तभी आप चपाती या रोटी बना सकते हैं। अगर आपके पास आटा नहीं है, तो आप रोटी कैसे बनाएंगे? मैंने खिलाड़ियों की तरफ से इतना नहीं देखा कि यह समझ सकूं कि सिर्फ फैसले लेना ही गलती क्यों है।’ रविचंद्रन अश्विन ने बिना सोचे-समझे प्रतिक्रिया देने और व्यक्तिगत हमले करने से भी सावधान किया।

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अनुभवी ऑफ-स्पिनर ने करा, ‘मुझे यह पर्सनल अटैक पसंद नहीं है। टीम को मैनेज करना इतना आसान नहीं हो सकता। और हां, वह (गंभीर) भी दुखी है। किसी को निकालना (गलती) अच्छा लग सकता है, लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए। मैं कभी ऐसा इंसान नहीं रहा। यह किसी को सपोर्ट करने के बारे में नहीं है; गौतम मेरा रिश्तेदार नहीं है। हां, गलतियां होती हैं। हां, मैं गलतियां ढूंढ सकता हूं। ये गलतियां कोई भी कर सकता है। बस जब आपको बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है तो आप वजह पूछते हैं। लेकिन आमतौर पर, बस पूछते हैं और खुद को देखते हैं, हमसे कहां गलती हुई।’