भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी बीएस चंद्रशेखर को सोमवार को बेंगलुरु के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 75 साल के बीएस चंद्रशेखर को इंटेंसिव केयर यूनिट (आईसीयू) में रखा गया है। उनकी हालत स्थिर है। समाचार एजेंसी एएनआई कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ के प्रवक्ता विनय मृत्युंजय के हवाले से यह जानकारी दी है।
महान भारतीय स्पिनर की पत्नी संध्या चंद्रशेखर ने भी पति के अस्पताल में भर्ती होने की बात स्वीकार की। उन्होंने कहा, ‘बीएस चंद्रशेखर को बेंगलुरु के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अब उनकी हालत ठीक है। वह मैच देख रहे थे और तभी उन्होंने थकान होने और बोलने में दिक्कत होने की शिकायत की। इसलिए हम उन्हें अस्पताल लेकर आए हैं। वह अब ठीक हैं। उन्हें दो दिन में अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी।’
डॉक्टरों की सलाह पर उनका न्यूरोलॉजी में उपचार कराया गया। उनकी पत्नी ने बताया कि अब वह सामान्य वार्ड में हैं और उनकी फिजियोथेरेपी चल रही है। संध्या ने कहा, ‘उनके दिमाग में किसी तरह का अवरोध है। यह बहुत ही हलका स्ट्रोक था। वह एक या दो सप्ताह में पूरी तरह से ठीक हो जाएंगे। कोई जानलेवा बीमारी नहीं है। उनके प्रशंसकों को बता दीजिये कि वह ठीक हैं। वह मजबूत इच्छाशक्ति वाले हैं।’
बता दें कि बीएस चंद्रशेखर अपने समय के जाने-माने स्पिनर रहे हैं। 1960-1970 के दशक में उनकी फिरकी के आगे बड़े से बड़े बल्लेबाज नतमस्तक हो जाते थे। बीएस चंद्रशेखर ने अपने करियर में 58 टेस्ट मैच खेले। इसमें उन्होंने 242 विकेट लिए। उन्होंने करियर में 16 बार पांच विकेट और दो बार टेस्ट मैच में 10 विकेट भी हासिल किए। उन्होंने एक वनडे इंटरनेशनल मैच भी खेला है। उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ उस मैच में 36 रन देकर 3 विकेट झटके थे।
BS Chandrasekhar admitted to a hospital in Bengaluru. He was fine & was watching match when he suddenly complained of fatigue and slurring in speech. So we took him to the hospital. He is fine and will be back home in two days: Sandhya Chandrasekhar, wife of BS Chandrasekhar https://t.co/o46jaoQZLb
— ANI (@ANI) January 18, 2021
भागवत चंद्रशेखर उर्फ बीएस चंद्रशेखर की ईएएस प्रसन्ना, बिशन सिंह बेदी और श्रीनिवासराघवन वेंकटराघवन के साथ चौकड़ी प्रसिद्ध थी। अपने जमाने में इन स्पिनर्स ने बड़ी से बड़ी टीम के बल्लेबाजों को दांतों चने चबवा दिए थे। भारत सरकार ने उन्हें 1972 में पद्मश्री से सम्मानित किया था। उसी साल उन्हें विस्डन क्रिकेटर ऑफ द ईयर भी चुना गया था।