लोकसभा चुनाव से पहले कैसरगंज से सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली कोर्ट ने महिला पहलवानों के साथ शोषण के मामले में बृजभूषण सिंह की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने आगे जांच जारी रखने की अपील की थी। राउज अवेन्यू की एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मैजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत ने कहा कि सात मई को आरोप तय किए जाएंगे।

बृजभूषण सिंह ने दायर की थी याचिका

बृजभूषण ने 18 अप्रैल को याचिका दायार की थी कि मामले की आगे की जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा था कि सात सितंबर 2022 की जिस घटना का आरोप उनपर लगा है, दिल्ली पुलिस को उसकी जांच करनी चाहिए। इस याचिका में कहा गया था कि वह उन घटनाओं में से एक की तारीख पर भारत में नहीं थे, जिसमें एक शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि उसे डब्ल्यूएफआई ऑफिस में परेशान गया था। दिल्ली पुलिस की तरफ से कोर्ट आए एपीपी अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि याचिका देरी से दायर की गई थी।

 महिला पहलवानों के वकील ने बृजभूषण की इस याचिका पर कोर्ट में आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि यह याचिका मामले में देरी करने के लिए दायर की गई है। बृजभूषण सिंह फिलहाल बेल पर बाहर हैं। उनके साथ-साथ डब्ल्यूएफआई के पूर्व सचिव विनोद तोमर भी बेल पर बाहर हैं।

बृजभूषण सिंह पर महिला पहलवानों ने लगाए थे आरोप

महिला पहलवानों ने बृजभूषण सिंह पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट पहलवानों के समर्थन में धरने पर बैठे थे। बृजभूषण सिंह के खिलाफ सात पहलवानों ने यौन शोषण के दो मुकदमे दर्ज कराए थे। एक केस नाबालिग महिला पहलवान ने दर्ज कराया है लेकिन बाद में केस वापस ले लिया। इसके अलावा बाकी के पहलवानों की शिकायत पर बृजभूषण सिंह के खिलाफ धारा 354, 354A और D के तहत 1,000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की गई है।