दिल्ली की एक अदालत महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दायर आरोप पत्र पर संज्ञान लेने के संबंध में अपना आदेश एक जुलाई को सुनाएगी। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल ने कहा कि यह एक “लंबा आरोपपत्र” है और उन्होंने मामले में सुनवाई स्थगित कर दी। उन्होंने अदालत की निगरानी में जांच की मांग करने वाले पहलवानों की ओर से पहले दायर एक आवेदन को खारिज कर दिया।
मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल ने कहा, ‘‘नया आरोप पत्र दायर किया गया है। इसपर गौर करने दिया जाए। चूंकि यह एक लंबा आरोपपत्र है, इसलिए इसपर कुछ दिन विचार करने दिया जाए। चूंकि वर्तमान मामले में आरोप पत्र पहले ही दायर किया जा चुका है, इसलिए निगरानी की मांग वाला आवेदन निरर्थक हो जाता है।’’ दिल्ली पुलिस ने छह बार के सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मामले में 15 जून को आईपीसी की धारा 354, 354 ए, 354 डी और 506 के तहत आरोप पत्र दायर किया था।
पोक्सो मामले में 4 जुलाई को आ सकता है फैसला
बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ नाबालिग पहलवान के आरोप पर पॉक्सो एक्ट के तहत भी केस दर्ज की गई थी। नाबालिग पहलवान उन सात महिला पहलवानों में शामिल थीं, जिन्होंने भाजपा सांसद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। नाबालिग के मामले में, दिल्ली पुलिस ने 15 जून को एक अंतिम रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप के संबंध में दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की गई थी। पोक्सो मामले में अदालत संभवतः 4 जुलाई को रिपोर्ट पर विचार करेगी।
पहलवानों ने सड़क के बजाय कोर्ट में लड़ाई लड़ने का किया ऐलान
बता दें कि बृजभूषण शरण सिंह के लामबंद पहलवानों ने बीते दिनों घोषणा की कि वे अपनी आगे की लड़ाई सड़क के बजाय कोर्ट में लड़ेंगे। बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने ट्वीट करके इसकी जानकी दी थी। उन्होंने कहा था कि सरकार ने मामले में आरोप पत्र दायर करने का अपना वादा पूरा किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि लड़ाई तबतक जारी रहेगी जबतक न्याय नहीं मिल जाता।