टीम इंडिया के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने 2016 में वनडे और टी20 में डेब्यू किया था। वे टीम मे जगह बनाने के बाद दोनों फॉर्मेट में सबसे खतरनाक गेंदबाज बन गए। वनडे और टी20 में सफलता के बावजूद बुमराह को टेस्ट टीम में जगह बनाने में काफी समय लग गया। 2018 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जनवरी में उन्हें क्रिकेट के सबसे लंबे फॉर्मेट में खेलने का मौका मिला। टीम इंडिया के कोच भरत अरुण ने खुलासा किया कि बुमराह को टेस्ट टीम में लाने वाले वे नहीं थे। इसका श्रेय मुख्य कोच रवि शास्त्री को जाता है।

बॉलिंग कोच ने स्पोर्ट्सकीड़ा के फेसबुक लाइव इंटरव्यू के दौरान कहा, ‘‘यह कहना गलत होगा कि मैंने बुमराह को टेस्ट टीम में चुनने के लिए कहा था। इसका सारा श्रेय रवि शास्त्री को जाता है। वे बुमराह को टेस्ट टीम में देखना चाहते थे।’’ 2017 के अंत तक बुमराह ने 32 टी20 और 31 वनडे खेल लिए थे। अलग एक्शन के कारण कई लोगों को लगता था कि बुमराह टेस्ट टीम में फिट नहीं हो पाएंगे। दक्षिण अफ्रीका दौरे से पहले शास्त्री ने भरत अरुण को कहा था कि बुमराह को इस बात की जानकारी दे दी जाए कि वह टेस्ट के लिए तैयार रहें।

भरत अरुण ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि कोलकाता में एक मैच के बाद शास्त्री को लगा कि बुमराह टेस्ट में भी प्रभावी होंगे। वह मैच दक्षिण अफ्रीका दौरे से पहले था। वे बुमराह से काफी प्रभावित थे। यह अफ्रीका दौरे से लगभग दो महीने पहले की बात है। जब मैंने बुमराह से बात की तो उसने कहा कि टेस्ट खेलना उसका सपना है। कई लोगों ने उसे सीमित ओवरों का गेंदबाज बताया था। उसे लगता था कि वह टेस्ट में भी एक बेहतरीन गेंदबाज साबित होगा। वह टेस्ट खेलने के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार था। सही बात कहूं तो यह पूरी तरह शास्त्री की योजना थी। ’’

शास्त्री का यह फैसला सही साबित हुआ था। बुमराह ने खुद को टेस्ट में प्रूव किया। उन्होंने अब तक 14 टेस्ट में 20.33 की औसत से 68 विकेट लिए हैं। टेस्ट में बुमराह की सफलता के बारे में बात करते हुए अरुण ने कहा, ‘‘बुमराह ने पिछले कुछ समय में वह सब कुछ दिया जो उसके पास है। जब वह दौड़ता है तो वह काफी मासूम दिखता है, लेकिन वह अपने रन-अप में बहुत अधिक गति उत्पन्न नहीं करता है। इसलिए वह इतना अलग है।’’