बीसीसीआइ मौजूदा क्रिकेटरों के लिए भी हितों के टकराव से जुड़े कड़े नियम लाने की योजना बना रहा है और ऐसे में इन क्रिकेटरों को उन खिलाड़ी प्रबंधन कंपनियों में व्यावसायिक हितों की स्वीकृति नहीं दी जाएगी जो उनका प्रतिनिधित्व करती हैं। हितों के टकराव से जुड़ा यह प्रस्तावित नियम सोमवार को यहां बीसीसीआइ की 86वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में पेश किया जाएगा। खिलाड़ी को उसका प्रतिनिधित्व करने वाली खिलाड़ी प्रबंधन कंपनी या व्यक्ति की घोषणा बोर्ड को करनी होगी और वह बीसीसीआइ के पोशाक सहित किसी भी प्रायोजक के प्रतिद्वंद्वी प्रायोजक के साथ करार नहीं कर सकता।
इस तरह का भी प्रस्ताव है कि मौजूदा खिलाड़ी किसी ऐसे व्यावसायिक संगठन के बोर्ड में नियंत्रण वाले पद पर नहीं हो जिसने बोर्ड या उससे मान्यता प्राप्त इकाइयों से अनुबंध किया हो। एक अन्य प्रस्ताव के मुताबिक बीसीसीआइ से वेतन ले रहे संन्यास ले चुके क्रिकेटर या बोर्ड से अनुबंधित क्रिकेटर आइपीएल संचालन परिषद सहित बोर्ड की विभिन्न समितियों का हिस्सा नहीं हो सकते। नियम के मुताबिक राष्ट्रीय कोच और चयनकर्ता किसी निजी कोचिंग अकादमी या किसी खिलाड़ी प्रबंधन कंपनी या खिलाड़ी एजंट से जुड़े नहीं हो सकते, मानद रूप से भी नहीं। वे अपने कार्यकाल के दौरान समाचार पत्र में कालम नहीं लिख सकते और प्रिंट या इलेक्ट्रोनिक मीडिया से अनुबंध नहीं कर सकते।