भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) अपने खिलाड़ियों की फिटनेस को एक और नए मुकाम पर ले जाने पर विचार कर रहा है। इसी क्रम में वह एक नया फिटनेस टेस्ट लेकर आया है। द इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बढ़ती फिजिकल डिमांड्स को देखते हुए भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने शीर्ष खिलाड़ियों के लिए अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम में स्पीड (तेजी) और एंड्योरंस (क्षमता) के स्तर को मापने के लिए 2 किलोमीटर की दौड़ अनिवार्य की है।
अब बीसीसीआई के अनुबंधित खिलाड़ियों और भारतीय टीम में जगह पाने की इच्छा रखने वालों के लिए, यो-यो टेस्ट के अलावा इस टेस्ट को भी पास करना होगा, तभी उनका टीम में चयन होगा। बीसीसीआई एक पदाधिकारी ने बताया, ‘बोर्ड ने महसूस किया है कि वर्तमान फिटनेस मानक ने हमारी फिटनेस को अगले स्तर तक पहुंचाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। अब हमारे फिटनेस स्तर को दूसरे स्तर पर ले जाना जरूरी है। टाइम ट्रायल टेस्ट (Time Trial Exercise) हमें बेहतर प्रतिस्पर्धा करने में मदद करेगा। बोर्ड हर साल अपने मानकों को अपडेट करता रहेगा।’
बीसीसीआई के नए मानकों के मुताबिक, टीम इंडिया के तेज गेंदबाजों को टाइम ट्रायल टेस्ट पास करने के लिए 2 किलोमीटर की दूरी 8 मिनट 15 सेकंड में पूरी करनी होगी, जबकि दूसरे खिलाड़ियों (बल्लेबाजों, विकटकीपर्स और स्पिनर्स) को इतनी ही दूरी 8 मिनट 30 सेकंड में पूरी करनी होगी। यो-यो टेस्ट पास करने का मानक पहले से ही तय है। यो-यो टेस्ट पास करने के लिए सभी को 17.1 का स्कोर हासिल करना ही होगा। एलीट एथलीट्स से लगभग 6 मिनट, जबकि एमेच्योर एथलीट्स से 15 मिनट में 2 किमी की दूरी तय करने की अपेक्षा की जाती है।
टाइम ट्रायल टेस्ट पर बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह ने भी अपनी मुहर लगा दी है। बीसीसीआई ने अनुबंधित खिलाड़ियों को इस नए फिटनेस मार्क के बारे में बता दिया है। बोर्ड का कहना है कि इस साल इसके लिए तीन विंडो फरवरी, जून और अगस्त/सितंबर में रखे गए हैं। ऑस्ट्रेलिया से टेस्ट सीरीज में हिस्सा लेकर स्वदेश लौटे खिलाड़ियों को फरवरी में होने वाले इस टेस्ट से नहीं गुजरना होगा। हालांकि, सीमित ओवर फॉर्मेट के लिए चुने गए खिलाड़ी इस टेस्ट में हिस्सा लेंगे।