बीसीसीआई के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) अभिजीत साल्वी ने व्यक्तिगत कारणों से पद से इस्तीफा दे दिया है। इसी साल जून-जुलाई में श्रीलंका दौरे पर गई भारत की युवा टीम के साथ वे चिकित्सा अधिकारी के तौर पर गए थे। क्रुणाल पंड्या के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद उन पर लापरवाही के आरोप भी लगे थे।

साल्वी ने शनिवार को पीटीआई-भाषा को बताया कि उनकी नोटिस की अवधि 30 नवंबर को समाप्त हो गई थी। लेकिन उन्होंने भारत और न्यूजीलैंड के बीच तीन से सात दिसंबर (छह दिसंबर) तक चले दूसरे टेस्ट मैच तक अपनी सेवाएं दी।

कोविड-19 के मुश्किल समय के दौरान बायो बबल और खिलाड़ियों की बार-बार होने वाली जांच के कारण अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनकी भूमिका काफी अहम हो गई थी। हालांकि श्रीलंका दौरे पर उनकी भूमिका को लेकर सवाल भी उठे थे।

साल्वी ने कहा, ‘‘ मैं यह मौका देने के लिए बीसीसीआई का शुक्रिया अदा करता हूं। मैं इस संगठन को 10 साल देने के बाद आगे बढ़ना चाहता था। कोविड-19 के समय यह ‘24×7 (हर समय सेवा देने के लिए उपलब्ध)’ जैसी नौकरी बन गयी थी और मैं अब खुद और परिवार को समय देना चाहता हूं।’’

साल्वी बीसीसीआई के आयु-सत्यापन, डोपिंग रोधी विभाग और चिकित्सा विभाग के प्रभारी थे। उनका इस्तीफा अगले महीने होने वाली लड़कों के अंडर-16 राष्ट्रीय चैंपियनशिप (विजय मर्चेंट ट्रॉफी) से पहले आया है।

साल्वी को ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका सहित कुछ दौरों पर भारतीय टीम के साथ यात्रा करनी पड़ी थी। उन्होंने आईपीएल (इंडियन प्रीमियर लीग) के दो सत्रों और भारत की मेजबानी में यूएई में खेले गए टी20 विश्व कप के लिए चिकित्सा व्यवस्था की भी देखरेख की थी।

श्रीलंका दौरे पर क्यों उठे थे सवाल?

गौरतलब है कि श्रीलंका दौरे पर साल्वी के ऊपर कोरोना जांच में विलंब करने का आरोप लगा था। दरअसल क्रुणाल पंड्या ने 26 जुलाई को गले में दर्द जैसे लक्षण दिखाई देने पर तुरंत मेडिकल आफिसर के तौर पर गए अभिजीत साल्वी को इसके बारे में जानकारी दी थी। लेकिन इसके बाद न तो उनका रैपिड एंटिजन टेस्ट हुआ, न उन्हें आइसोलेट किया गया।

ये खबर सामने आने के बाद चिकित्सा अधिकारी पर सवाल उठाए गए थे कि उन्होंने आरटी-पीसीआर परीक्षण में एक दिन का विलंब किया। जिसके कारण भारत के आठ अन्य खिलाड़ी भी आखिरी दो टी-20 मैचों में नहीं खेल पाए। परिणामस्वरूप भारत सिर्फ 5 बल्लेबाज और 6 गेंदबाजों के साथ मजबूरी में उतरा। सीरीज भी भारत को पहला मैच जीतने के बावजूद 2-1 से गंवानी पड़ी थी।