सरकार ने कोरोनावायरस के कारण 25 मार्च से जो लॉकडाउन लगाया था, उसमें वह अब धीरे-धीरे रियायत दे रही है। इसी के चलते भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) अब अपने खिलाड़ियों के लिए अगस्त-सितंबर के बीच प्रशिक्षण शिविर (कैंप) लगाने पर विचार कर रहा है। बीसीसीआई ने साफ कर दिया है कि उसका इरादा सभी खिलाड़ियों को इकट्ठा कर ट्रेनिंग कराने का है।

मीडिया रिपोर्ट्स में बीसीसीआई के एक पदाधिकारी के हवाले से कहा गया है कि बोर्ड मानसून के बाद खिलाड़ियों को एक साथ लाने पर विचार कर रहा है। ताकि उन्हें ट्रेनिंग में लौटने में मदद मिल सके और वे क्रिकेट एक्शन में लौटने के लिए तैयार हो पाएं। दरअसल, लॉकडाउन के कारण खिलाड़ी काफी समय से अपने-अपने घर पर ही हैं, ऐसे में बोर्ड को आशंका है कि खिलाड़ियों को क्रिकेट एक्शन में लौटने में समय लग सकता है।

पदाधिकारी ने बताया, ‘मानसून खत्म होने के बाद की तैयारी हो रही है। यह अगस्त-सितंबर की विंडो के आसपास होना चाहिए। हम खिलाड़ियों को एक साथ मिलेंगे। उनके खेल पर काम करेंगे। उन्हें क्रिकेट एक्शन में लाएंगे।’

पदाधिकारी ने रेखांकित किया, ‘आपको यह समझना होगा कि एक मसल मेमोरी है, जिसे ट्यूनिंग की आवश्यकता है। ये सभी प्रोफेशनल हैं। ऐसे में यह शारीरिक के मुकाबले मानसिक पहलू के बारे में अधिक होगा, क्योंकि वे लॉकडाउन के दौरान भी अपनी फिटनेस पर काम कर रहे हैं।’

ट्रेनिंग क्या राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में होगी के सवाल पर, पदाधिकारी ने बताया, ‘ऐसा कहना जल्दबाजी होगी। अंतर-राज्यीय आवाजाही में और छूट होने दें। अभी देखना होगा कि एक महीने में चीजें कहां ठहरती हैं। तब हम यह तय कर सकते हैं कि शिविर एनसीए में होगा या कहीं और।’

इससे पहले, श्रेयस अय्यर और शुभमन गिल दोनों ने कहा था कि उन्हें अपने खेल को ठीक करने के लिए कुछ समय की आवश्यकता होगी। प्रशिक्षण के बाद की स्थिति में मानसिक पहलू पर भी काम करना होगा।