चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रॉयल्स के 2013 के सट्टेबाजी प्रकरण के कारण निलंबित किए जाने से सक्रिय हुई आइपीएल संचालन परिषद ने रविवार को लोढ़ा समिति के आदेशों को शब्दश: लागू करने और इसके अनुसार काम करने के लिए कार्यसमूह गठित करने का फैसला किया। कार्यसमूह गठित करने का फैसला यहां आइपीएल संचालन परिषद की बैठक में किया गया जिसमें सदस्यों ने चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रॉयल्स को आइपीएल से दो साल के लिए निलंबित करने के न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा समिति के फैसले पर चर्चा की।

कार्यसमूह को अपनी सिफारिशें देने के लिए छह सप्ताह का समय दिया गया है। बोर्ड सोमवार को कार्यसमूह के सदस्यों के नामों की जानकारी देगा। बोर्ड ने एक घंटे से अधिक समय तक चली बैठक के बाद जारी बयान में कहा कि बीसीसीआइ लोढ़ा समिति के फैसले का सम्मान करता है और उनके फैसले का शब्दश: पालन करेगा। सदस्यों को लगा कि इस फैसले के दूरगामी प्रभाव और बीसीसीआइ पर पड़ने वाले व्यापक असर को समझना बेहद जरूरी है ताकि हमारे देश में खेल की सर्वोच्चता बनी रहे।

इसमें कहा गया है कि आइपीएल संचालन परिषद चेयरमैन राजीव शुक्ला को कार्यसमूह गठित करने को अधिकृत करती है जो इस फैसले का अध्ययन करेगा और अपने प्रमुख सलाहकारों के साथ परामर्श करने के साथ ही सभी हितधारकों के हितों को ध्यान में रखते हुए संभावित उपायों पर विचार करेगा। बोर्ड ने कहा कि समूह की सिफारिशों को बीसीसीआइ की शक्तिशाली कार्यकारी समिति को भेजा जाएगा। बयान के अनुसार, इस समूह को छह सप्ताह का समय दिया गया है और वह आइपीएल संचालन परिषद को अपनी सिफारिश भेजेगा जो आगे की कार्रवाई के लिए बीसीसीआइ की कार्यकारिणी के साथ इसे साझा करेगी।

आइपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ला ने कहा कि समूह के सदस्यों के नाम सोमवार तक तय हो जाएंगे। शुक्ला ने कहा कि संचालन परिषद ने मुझ पर भरोसा दिखाकर समूह गठित करने की जिम्मेदारी मुझे सौंपी है जो छह सप्ताह में अपनी रिपोर्ट सौंपेगा और बताएगा कि आदेश को कैसे लागू किया जाए और आइपीएल को कैसे आगे बढ़ाया जाए। मसलन आइपीएल कैसे संचालित करना है, कितनी टीमें खेलेंगी। यह रिपोर्ट संचालन परिषद के पास आएगी जिसे कार्यकारिणी के पास भेजा जाएगा जो फैसला करेगी।

उन्होंने कहा कि सदस्यों की घोषणा सोमवार को की जाएगी। हमने न्यायमूर्ति लोढ़ा समिति की सिफारिशों को पूरे सम्मान से लागू करने और उसके अनुसार चलने का फैसला किया है। सभी हितधारकों ने अपने विचार रखे और सभी का मानना था कि टूर्नामेंट चलना चाहिए। मैं फिर दोहरा रहा हूं कि आइपीएल नौ भव्य और शानदार होगा।

शुक्ला ने हालांकि बीसीसीआइ के पूर्व अध्यक्ष शशांक मनोहर पर जरूर ताना कसा जिन्होंने चेन्नई और रायल्स को बर्खास्त करने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि हम बैठक की बातों के बारे में नहीं बता सकते। एक उपसमूह गठित किया गया है जो यह सिफारिशें करेगा कि आगे क्या करने की जरूरत है। मनोहर के बयान पर शुक्ला ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नियुक्त समिति ने इस पर (आइपीएल मामले पर) अपना फैसला सुना दिया है और जब उसका फैसला आ गया है तो मुझे नहीं लगता कि इस पर टिप्पणी करने के लिए किसी के पास कुछ बचा है। बीसीसीआई अध्यक्ष जगमोहन डालमिया ने अस्वस्थ होने के कारण बैठक में हिस्सा नहीं लिया जबकि अजय शिर्के, रवि शास्त्री और ज्योतिरादित्य सिंधिया वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए इसमें शामिल हुए।

हालांकि बैठक में इन टीमों की बर्खास्तगी की वकालत करने वाले बीसीसीआइ के पूर्व कोषाध्यक्ष और परिषद के सदस्य अजय शिर्के को किसी भी अन्य सदस्य का समर्थन नहीं मिला। संचालन परिषद के ज्यादातर सदस्यों की राय थी कि ‘इतना बड़ा फैसला जल्दबाजी में नहीं किया जाना चाहिए। परिषद के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा कि अजय (शिर्के) एकमात्र सदस्य थे जिन्होंने बर्खास्तगी का मसला उठाया तो बीसीसीआइ के कानूनी विभाग के प्रमुख ऊषा नाथ बनर्जी ने उनसे कहा कि भले ही यह विकल्प है लेकिन इस फैसले के दूरगामी प्रभाव को भी ध्यान में रखना होगा। चिंता इस बात की थी यदि बीसीसीआइ जल्दबाजी में इन फ्रेंचाइजी को बर्खास्त कर देता है तो फिर लंबे समय तक चलने वाली कानूनी लड़ाई शुरू हो जाएगी।