शुभमन गिल ने गुरुवार 3 जुलाई 2025 को बर्मिंघम के एजबेस्टन में भारत बनाम इंग्लैंड दूसरे टेस्ट के दूसरे दिन 269 रन की अपनी ऐतिहासिक पारी खेली और सारे सवाल, सारी शंकाएं, सारी चिंताएं और सारी आशंकाओं पर विराम लगा दिया। बल्लेबाजी के लिए अपेक्षाकृत आसान पिच होने के बावजूद शुभमन गिल ने एकाग्रता न खोने और सबसे महत्वपूर्ण बात सुनहरे अवसर को भुनाने का मास्टरक्लास उदाहरण पेश किया।
तिहरे शतक से चूक गए शुभमन गिल
भारतीय कप्तान शुभमन गिल 300 के जादुई आंकड़े के लिए तैयार दिख रहे थे। आकाश दीप ने उनका अच्छा साथ दिया। भारत चाय तक 564/7 के शानदार स्कोर पर पहुंच गया। शुभमन गिल की निगाहें 300 रन बनाने पर टिकी थीं, लेकिन वह इससे 31 रन पीछे रह गए। कप्तान की एकाग्रता में शायद एकमात्र कमी तब आई जब हैरी ब्रूक ने कुछ माइंड गेम खेला। उन्होंने 290 रन बनाने के बारे में कुछ कहा, जिस पर गिल ने पहले तो व्यंग्यात्मक मुस्कान के साथ जवाब दिया, लेकिन अगले ओवर में वह पवेलियन लौट गए।
योगराज सिंह को हुई निराशा
शुभमन गिल के शानदार प्रदर्शन की क्रिकेट जगत ने तारीफ की, लेकिन भारत के पूर्व क्रिकेटर योगराज सिंह को निराशा हुई, क्योंकि गिल तिहरे शतक से चूक गए। नॉटआउट रहने के महत्व पर जोर देते हुए योगराज ने कहा कि अच्छी स्थिति में होने के बावजूद विकेट खोना ‘अपराध’ है। उन्होंने कहा कि बल्लेबाज के आउट होने पर उन्हें तकलीफ होती है और ऐसी ही तकलीफ अब युवी को भी होने लगी है।
टेस्ट क्रिकेट में आउट होना अपराध है: योगराज सिंह
योगराज सिंह ने ANI से कहा, ‘मुझे खुशी है कि युवराज ने अपने जीवन में जो कुछ भी हासिल किया है, वह कोचिंग देकर उसे खिलाड़ियों को वापस दे रहा है। गिल, अभिषेक और अर्शदीप उसके ट्रेनी रहे हैं। जब शुभमन गिल 200 रन पर बल्लेबाजी कर रहे थे, तो मैं चाहता था कि वह 250 रन पर नाबाद रहें। जब बल्लेबाज आउट हो जाता है, तो मुझे तकलीफ होती है और यही तकलीफ अब युवी को भी होने लगी है। वह यह समझने लगा है कि टेस्ट क्रिकेट में आउट होना एक क्राइम (अपराध) है।’
मीडिया से की योगराज ने यह अपील
योगराज सिंह ने कहा, ‘पहली बात… जब आप 200 नॉटआउट, 250 नॉटआउट, 300 नॉटआउट… जब आपके आगे नॉटआउट लगता है ना तो आपने जितनी गलतियां की होती हैं वे आपकी सुधर जाती हैं। दूसरी बात, शुभमन गिल के बारे में बहुत कुछ बोला गया। हम देशवासियों को, हमारे चैनल वालों को, हमारे लेखकों को मैं विनती करता हूं कि आप लोगों ने क्रिकेट नहीं खेली ना… तो क्रिकेट के बारे में बात मत करा करो। अगर आपने खेली है तभी करिए।’
योगराज सिंह ने कहा, ‘युवराज जानते हैं कि खिलाड़ियों को कैसे तैयार किया जाता है। खिलाड़ियों को युवराज और गौतम गंभीर से सीखना चाहिए। वे खिलाड़ियों को भी डांटते हैं, चाहे आपने कितने भी रन बनाए हों या कितने भी विकेट लिए हों। सचिन तेंदुलकर खुद को डांटते थे। सुनील गावस्कर आउट होने पर नेट छोड़कर चले जाते थे। लोग महान इसलिए बनते हैं क्योंकि जब वे बड़ी पारी खेलते हैं, तो पीछे जाकर सोचते हैं कि उन्होंने क्या गलत किया। गिल बड़ी उपलब्धियां हासिल कर सकते हैं। वह 300, 400 रन बना सकते हैं…। अगर ब्रायन लारा नाबाद 500 रन बना सकते हैं, तो हम भी बना सकते हैं।’
योगराज सिंह ने कहा, ‘जब शुभमन गिल की बात करते हैं, यशस्वी जायसवाल की बात करते हैं, रविंद्र जडेजा की बात करते हैं… तो मुझे एक तुलना नजर आती है कि जडेजा ने 89 किया, जायसवाल ने शायद 74 रन किया और क्या वाहियात शॉट मारकर आउट हुए। यहां पर दिल दुखता है। अब शुभमन गिल का जो टॉप हैंड है, वह अंदर को थोड़ा किया है।’