भारत के सीनियर बल्लेबाज शिखर धवन भारत की एशियाई खेलों की टीम से बाहर किए जाने से थोड़ा हैरान थे। हालांकि, वह निकट भविष्य में राष्ट्रीय टीम में वापसी करने के लिए दृढ़ हैं। शीर्ष खिलाड़ी घरेलू सरजमीं पर होने वाले वनडे विश्व कप की तैयारियों में व्यस्त हैं। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने सितंबर-अक्टूबर में होने वाले हांगझू एशियाई खेलों के लिए युवाओं की टीम घोषित की है।

37 साल के बाएं हाथ के इस बल्लेबाज के चीन में होने वाले एशियाई खेलों के लिए टीम की अगुआई करने की उम्मीद की जा रही थी, क्योंकि यही भूमिका वह 10 महीने पहले तक निभा रहे थे। लेकिन चयनकर्ताओं ने उन्हें नहीं चुना और ऋतुराज गायकवाड़ को कप्तान घोषित किया।

शिखर धवन ने गुरुवार 10 अगस्त 2023 को पीटीआई से कहा, ‘जब मेरा नाम एशियाई खेलों के लिए टीम में नहीं था तो मैं थोड़ा हैरान था। लेकिन फिर मुझे लगा कि उनकी सोचने की प्रक्रिया अलग होगी। आपको इसे स्वीकार करना होगा। खुश हूं कि ऋतु (गायकवाड़) टीम की अगुआई करेगा। इसमें सभी युवा खिलाड़ी हैं। मुझे पूर भरोसा हे कि वे अच्छा करेंगे।’

शिखर धवन को नहीं पता भविष्य में क्या होगा

शुभमन गिल शीर्ष बल्लेबाजी क्रम में रोहित शर्मा के साथ जुड़ गए हैं तो ऐसा लगता है कि भारतीय टीम अब धवन को पीछे छोड़ चुकी है, क्योंकि वह दिसंबर 2022 में बांग्लादेश दौरे के बाद से वनडे टीम से बाहर किए जाने तक एकदिवसीय प्रारूप के खिलाड़ी बन गए थे। पिछले एक दशक से भारत के शीर्ष वनडे बल्लेबाजों में शुमार धवन ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि भविष्य में क्या होगा, लेकिन अगर मौका मिलता है तो वह तैयार रहेंगे।

हर मौके के लिए हमेशा तैयार हैं शिखर धवन

शिखर धवन ने कहा, ‘मैं निश्चित रूप से तैयार रहूंगा (वापसी के लिए), इसलिए मैं खुद को फिट रखे हूं (ताकि जब भी मौका मिले मैं तैयार रहूं)। हमेशा मौका रहता है, भले ही एक प्रतिशत हो या फिर 20 प्रतिशत। मुझे अब भी ट्रेनिंग में मजा आता है और मुझे खेल में आनंद मिलता है, ये चीजें मेरे नियंत्रण में हैं, जो भी फैसला हुआ, मैं उसका सम्मान करता हूं।’

शिखर धवन अब भी केंद्रीय अनुबंधित क्रिकेटर हैं। वह अपना काफी समय राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में बिताते हैं। शिखर धवन ने अपना आखिरी एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच 10 दिसंबर 2022 को चट्टोग्राम में बांग्लादेश के खिलाफ खेला था। उस मैच में धवन 3 रन ही बना पाए थे। उसी मैच में इशान किशन ने दोहरा शतक (210) लगाया था।