भारतीय युवा निशानेबाज मनु भाकर देश की प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं। बेहद ही कम उम्र में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम बनाया। पिछले कुछ समय से वह खराब फॉर्म से जूझ रही थी हालांकि हांगझू एशियन गेम्स में बुधवार की सुबह उन्होंने टीम इवेंट में गोल्ड मेडल जीतकर अपने आलोचकों को जवाब दे दिया। इसके बाद बारी थी इंडीविजुअल इवेंट की और यहां भी ऐसी ही कुछ उम्मीद जताई जा रही थी लेकिन एक बार फिर मनु की खराब किस्मत उनकी मेहनत पर भारी पड़ी।
फाइनल में मनु नहीं कर पाई कुछ खास
फाइनल इवेंट में मनु की पिस्टल में तकनीकी खराबी आ गई। इसी कारण पहली सीरीज में वह पांच में से केवल एक ही शॉट ले पाईं। यहीं से वह दबाव में आ गई और फिर लीड नहीं ले पाई। मनु पांचवें स्थान पर रहकर एलिमिनेट हो गईं। यह पहला मौका नहीं है जब मनु भाकर की पिस्टल ने उन्हें बीच मैच में धोखा दिया हो। इससे पहले भी वर्ल्ड कप और ओलंपिक में मनु की पिस्टल ने उनसे मेडल जीतने का मौका छीन लिया।
वर्ल्ड कप में भी मनु की पिस्टल ने दिया था धोखा
साल 2019 में मनु म्यूनिख में वर्ल्ड कप में हिस्सा ले रही थी। राही सरनबोत के साथ-साथ मनु भाकर भी फाइनल में पहुंची थी. महज 17 साल की मनु ने क्वालिफाइंग राउंड में कमाल का खेल दिखाया। हालांकि फाइनल में पिस्टल ने उन्हें धोखा दे दिया। पिस्टल की खराबी के कारण उनका पूरा एक राउंड खाली गया। इसी वजह से वह टॉप स्थान से पांचवें स्थान पर रहकर बाहर हो गई और मेडल का मौका चूक गई।
टोक्यो ओलंपिक में मनु से छिन गया था फाइनल में जाने का मौका
मनु के साथ टोक्यो ओलंपिक में भी ऐसा ही कुछ हुआ। असाका शूटिंग रेंज में चल रही महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट के अंतिम दौर में क्वालिफाई करने के लिए अच्छी तरह से तैयार थीं लेकिन वह ऐसा कर नहीं पाई। वह अपने 60 शॉट्स में से केवल 575 अंक ही जुटा सकीं और क्वालीफाई करने से महज दो अंक पीछे रह गईं। क्वालिफिकेशन राउंड के दौरान ही उनकी पिस्टल में एक तकनीकी खराबी आ गई। उसे ठीक करने में मनु के 6 मिनट बर्बाद हो गए। इसके बाद जब उन्होंने शूट करना शुरू किया तो उन्हें कम समय में ज्यादा शॉट लेने थे ऐसे में वह दबाव में आ गई।