भारतीय क्रिकेट टीम के अंडररेटेड और निस्वार्थ क्रिकेटर्स की बात होगी तो इनमें वंगीपुरापु वेंकट साई लक्ष्मण यानी वीवीएस लक्ष्मण का नाम सबसे पहले लिया जाएगा। पुछल्ले बल्लेबाजों के साथ भारत को कई टेस्ट मैच जिताने वाले वेरी-वेरी स्पेशल लक्ष्मण को वह ख्याति कभी नहीं मिली,जिसके वह हकदार थे। 86 वनडे में 6 शतक और 10 अर्धशतक की मदद से 2338 रन बनाने वाले लक्ष्मण को कभी वर्ल्ड कप खेलने का मौका नहीं मिला। यही नहीं सिर्फ दो विदेशी दौरे पर फेल होने के बाद टीम में उनकी जगह पर सवाल उठे तो उन्होंने संन्यास का ऐलान कर दिया।

134 टेस्ट में 17 शतक और 56 अर्धशतक की मदद से 8781 रन बनाने वाले वीवीएस लक्ष्मण को अपने घरेलू मैदान से संन्यास लेने का मौका मिल सकता था, लेकिन उन्होंने यादगार विदाई को तवज्जो नहीं दी। रिटायरमेंट से पहले भी और रिटायरमेंट के बाद भी लक्ष्मण ने हमेशा टीम इंडिया को आगे रखा। बेंग्लुरु के नेशनल क्रिकेट एकेडमी का डायरेक्टर बनना हो या कभी कोच की भूमिका निभाने की बात वीवीएस कभी जिम्मेदारी लेने से पीछे नहीं हटे।

एशियन गेम्स में 7 अक्टूबर को गोल्ड जीतने वाली ऋतुराज गायकवाड़ की अगुआई वाली इंडियन मेंस क्रिकेट टीम के कोच वीवीएस लक्ष्मण का नाम भी इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया। वर्ल्ड कप जीतने की बात होगी तो दिग्गज कपिल देव, सुनील गावस्कर, महेंद्र सिंह धोनी और सचिन तेंदुलकर जैसे खिलाड़ियों का नाम लिया जाएगा, लेकिन भारतीय क्रिकेट टीम के गोल्ड जीतने की बात होगी तो वीवीएस लक्ष्मण का नाम लिया जाएगा। खिलाड़ी के तौर न सही कोच के तौर पर ही सही लक्ष्मण को उनकी कुर्बानी बड़ा इनाम मिला है। इस गोल्ड के साथ शायद उनकी वर्ल्ड कप न खेलने पानी टीस भी खत्म हो जाए।

2003 वर्ल्ड कप की टीस

2003 वर्ल्ड कप में वीवीएस लक्ष्मण को खराब फील्डर बताकर नहीं चुना गया था। उनकी जगह ऑलराउंडर बताकर दिनेश मोंगिया का चयन काफी चौंकाने वाला रहा था। विश्व कप से पहले मोंगिया ने वनडे में कुछ अच्छी पारी खेली थी। गुवाहाटी में जिम्बाब्वे के खिलाफ नाबाद 159 रन, कोलकाता में इंग्लैंड के खिलाफ 71 रन और जॉर्जटाउन में वेस्टइंडीज के खिलाफ 74 रन। वह गेंदबाजी भी कर सकते थे। चयनकर्ताओं ने मोंगिया को जगह देने के लिए लक्ष्मण जैसे खिलाड़ी को नहीं चुना। दक्षिण अफ्रीका में विश्व कप से कुछ महीने पहले वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू श्रृंखला में लक्ष्मण ने 99, 66 और 71 की पारी खेली थी। इसके बाद भी वह नहीं चुने गए। मोंगिया ने वर्ल्ड कप में अपने चयन को गलत ठहराया था।

एशियन गेम्स में चुनौती आसान नहीं थी

एशियन गेम्स में गोल्ड के लिए भले ही भारतीय टीम प्रबल दावेदार थी, लेकिन चुनौती आसान नहीं थी। प्रमुख खिलाड़ी वर्ल्ड कप के कारण उपलब्ध नहीं थे। ऐसे में ऋतुराज गायकवाड़ की अगुआई में इंडियन प्रीमियर लीग 2023 (IPL 2023) में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को हांगझू भेजने के लिए चयन हुआ। टीम एकदम नई नवेली थी। वॉशिंगटन सुंदर ने सबसे ज्यादा 40 मैच खेले हैं। वह इस टीम के सबसे तजुर्बेदार खिलाड़ी है। इसके बाद भी टीम अच्छा प्रदर्शन करके लौटी। हांगझू रवाना होने से पहले वीवीएस लक्ष्मण की देखरेख में इस टीम का बेंग्लुरू में कैंप लगा था। कर्नाटक से टीम हारी भी थी, लेकिन बड़े स्टेज पर टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया। लक्ष्मण ने काफी कम समय इन खिलाड़ियों को एक यूनिट की तरह खड़ा किया।

लक्ष्मण हमेशा रहते हैं तैयार

टीम इंडिया के हेड कोच राहुल द्रविड़ जब भी भारतीय टीम के साथ काफी व्यस्त रहते हैं। कई बार होता है कि एक साथ ही टीम इंडिया दो जगह मैच खेल रही होती है। द्रविड़ की गैरमौजूदगी में वीवीएस लक्ष्मण कोच की जिम्मेदारी संभालते हैं। कोच की जिम्मेदारी संभालने की बात कुछ नहीं है। उनसे पहले राहुल द्रविड़ ही एनसीए के अध्यक्ष थे। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI)के अध्यक्ष सौरव गांगुली के कार्यकाल में द्रविड़ कोच बने तो लक्ष्मण को एनसीए की जिम्मेदारी सौंपी गई।

द्रविड़ की जगह लेने के लिए दी कुर्बानी

वीवीएस लक्ष्मण ने इसके लिए काफी कुर्बानी दी। इससे उनको आर्थिक नुकसान हुआ। उन्हें परिवार के साथ 3 साल के लिए बेंगलुरु शिफ्ट होना पड़ा। नवंबर 2021 में लक्ष्मण ने एनसीए हेड बनने के लिए सनराइजर्स हैदराबाद की आईपीएल मेंटरशिप अनुबंध और कमेंटरी डील और विभिन्न संगठनों के लिए कॉलम लिखना छोड़ दिया था। सौरव गांगुली ने खुद यह जानकारी दी थी।

संन्यास बताता है लक्ष्मण कितने निस्वार्थ

वीवीएस लक्ष्मण ने जिस तरह से इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लिया उससे पता चलता है कि वह कितने निस्वार्थ व्यक्ति हैं। 2011 में लगातार दो विदेशी दौरों पर रन नहीं बना सके। इंग्लैंड में आठ पारियों में उन्होंने 182 रन बनाए। फिर अपने पसंदीदा देश और अपने पसंदीदा प्रतिद्वंद्वी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खराब प्रदर्शन जारी रहा।

होम ग्राउंड से ले सकते थे विदाई

भारत के उन मैचों में बुरी तरह हारने के बाद लक्ष्मण का भविष्य अचानक खतरे में पड़ गया। अगस्त 2012 में न्यूजीलैंड के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की घरेलू श्रृंखला के लिए लक्ष्मण के चयन पर सवाल उठे थे। इसके 18 अगस्त को अपने गृहनगर हैदराबाद में श्रृंखला शुरू होने से एक सप्ताह से भी कम समय पहले लक्ष्मण ने रिटायरमेंट की घोषणा कर दी। वह चाहते थे अपने होम ग्राउंड के सामने मैदान से यादगार विदाई ले सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।

स्टीव वॉ की ऑस्ट्रेलियाई टीम का पसीना छुड़ा देते थे

टेस्ट क्रिकेट में वीवीएस लक्ष्मण की बल्लेबाजी काफी आकर्षक थी। स्टीव वॉ के जमाने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम की वह पसीने छुड़ा देते थे। कोलकाता में 281 रन की पारी हमेशा याद रखी जाएगी। लक्ष्मण नंबर 5-6 पर खेलते थे। वह निचले क्रम के बल्लेबाजों के साथ बैटिंग करते थे। यौथी पारी में लक्ष्मण बेहतरीन बल्लेबाजी करते थे। चौथी पारी में उनका औसत 40.55 का था। पहली पारी में उनका औसत 44.25 का था तो दूसरी पारी में 48.88।