चीन के हांगझू में 23 सितंबर से 19वें एशियन गेम्स का आयोजन होने वाला है। इस बार 37 खेलों को इस टूर्नामेंट में शामिल किया गया है जिसमें तीरंदाजी यानी आर्चरी भी शामिल है। भारत इस बार रिकर्व के साथ-साथ कंपाउंड आर्चरी में भी मेडल पर दांव लगाएगा।

आर्चरी में भारत का प्रदर्शन

आर्चरी को सबसे पहले साल 1978 में एशियन गेम्स में शामिल किया गया था। इसके बाद से यह हर बार एशियन गेम्स का हिस्सा रहा है। कोरिया इस खेल का सबसे कामयाब देश है। कोरिया ने इन खेलों में आर्चरी के 60 में से 41 गोल्ड अपने नाम किए हैं। भारत के लिहाज से बात करें तो एशियन गेम्स के आर्चरी इवेंट में वह पांचवां सबसे सफल देश है। भारत ने अब तक 10 मेडल हासिल किए हैं जिसमें एक गोल्ड, चार सिल्वर और पांच ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं। भारत को इकलौता गोल्ड कंपाउंड के मिक्स्ड टीम इवेंट में मिला था।

भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन

साल 2014 में साउथ कोरिया में हुए खेलों में भारत ने चार मेडल जीते थे जो कि उसका अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। पिछले एशियन गेम्स की बात करें तो भारत ने दो सिल्वर मेडल हासिल किए थे। कंपाउंड वर्ग के महिला और पुरुष इवेंट में भारत ने सिल्वर मेडल हासिल किया था।

कंपाउंड आर्चरी में मेडल की उम्मीद

कंपाउंड आर्चरी फिलहाल ओलंपिक का हिस्सा नहीं है। भारतीय कंपाउंड तीरंदाजों ने पूरी दुनिया को अपना दम दिखाया है। भारत मिक्स्ड टीम इवेंट में टॉप पर है वहीं ज्योति वेन्नम और अभिषेक वर्मा अपने-अपने वर्ग में दुनिया में दूसरे नंबर पर है। वहीं युवा अदिति स्वामी और ओजस प्रवीण हाल ही में वर्ल्ड चैंपियन बने हैं। इस साल हुए टूर्नामेंट्स में इन खिलाड़ियों ने कोरिया और चीनी ताइपे के खिलाड़ियों को हराकर अपनी प्रतिभा साबित की है।

कितना मजबूत है रिकर्व दल

रिकर्व इवेंट में स्थिति थोड़ी मुश्किल है। इस वर्ग में कोरियाई तीरंदाजों का दबदबा रहा है। भारत की महिला और पुरुष टीम रैंकिंग में दुनिया के टॉप 10 में है। मुश्किल यह है कि व्यक्तिगत इवेंट के टॉप 15 खिलाड़ियों में कोई भारतीय नाम शामिल नहीं है। अनुभवी अतानु दास ने टीम में जगह बनाई वहीं पूर्व वर्ल्ड नंबर वन दीपिका एशियन गेम्स के ट्रायल्स नहीं जीत पाई। एशियन गेम्स में भारत को कड़ी चुनौती के लिए तैयार रहना पड़ता है।

भारतीय टीम

पुरुष रिकर्व: धीरज बोम्मदेवरा, अतानु दास, मृणाल चौहान, तुषार शेल्के।
महिला रिकर्व: भजन कौर, प्राची सिंह, अंकिता भक्त, सिमरनजीत कौर।
पुरुष कंपाउंड: प्रथमेश जावकर, रजत चौहान, ओजस प्रवीण देवताले, अभिषेक वर्मा।
महिला कंपाउंड: अवनीत कौर, ज्योति सुरेखा वेन्नम, अदिति गोपीचंद स्वामी, परनीत कौर।