खेल मंत्रालय द्वारा एशियाई खेलों में हिस्सा लेने के लिए हरी झंडी मिलने की स्थिति में अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) अपने करिश्माई कप्तान सुनील छेत्री की अगुआई वाली सीनियर टीम को इन महाद्वीपीय खेलों के लिए भेज सकता है। राष्ट्रीय फुटबॉल टीम को 2018 में जकार्ता एशियाड में भाग लेने की अनुमति नहीं दी गयी थी क्योंकि खेल मंत्रालय के नियम के अनुसार टीम खेल में शीर्ष आठ में रहने वाली को ही इन खेलों में भाग लेने की मंजूरी दी जा सकती है।

तीन सीनियर खिलाड़ियों को मिल सकता है मौका

भारतीय टीम एशिया में इस समय 18वें स्थान पर है। क्रोएशियाई कोच इगोर स्टिमक के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय टीम ने सैफ चैम्पियनशिप जीतने के बाद रैंकिंग में 99वां स्थान हासिल किया। इस घटना की जानकारी रखने वाले सूत्र ने कहा, ‘‘मौजूदा राष्ट्रीय टीम में सात अंडर-23 खिलाड़ी हैं और खेल मंत्रालय से मंजूरी मिलने की स्थिति में बड़ी उम्र के तीन खिलाड़ियों को अनुमति दी जा सकती है तो कप्तान छेत्री, गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू और डिफेंडर संदेश झिंगन एशियाई खेलों के लिए जा सकते हैं। ’’

खेल मंत्रालय ने नहीं दी थी मंजूरी

अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने योजना बनाई थी कि स्टिमक के मार्गदर्शन में अंडर-23 टीम 23 सितंबर से शुरू होने वाले एशियाई खेलों में हिस्सा लेगी। भारतीय फुटबॉल टीम हालांकि शीर्ष आठ टीम में शामिल होने की खेल मंत्रालय की पात्रता को पूरा नहीं करती जिसके कारण उसके इन खेलों में जाना लगभग नामुमकिन है।

इससे पहले भारत के मुख्य कोच इगोर स्टिमक ने चयन पात्रता पूरी नहीं करने के बावजूद आगामी एशियाई खेलों में राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के प्रतिनिधित्व के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप की अपील की थी। स्टिमक ने सोशल मीडिया पर लंबी पोस्ट में लिखा, ‘‘मैं आपके ध्यान में लाना चाहता हूं कि 2017 की हमारी अंडर-17 टीम जिसने अंडर-23 विश्व कप क्वालीफायर में शानदार प्रदर्शन किया और बेहद प्रतिभावान टीम है, उसे अब एशियाई खेलों में प्रतिनिधित्व से वंचित किया जा रहा है।’’