इंचियोन। स्टार शटलर साइना नेहवाल से मिली शानदार शुरुआत के बावजूद भारतीय महिला बैडमिंटन टीम रविवार को यहां मेजबान दक्षिण कोरिया से 1-3 से हार गई लेकिन वह एशियाई खेलों में पहली बार कांस्य पदक हासिल करने में सफल रही।
भारत का यह सोल एशियाई खेल 1986 के बाद बैडमिंटन में पहला पदक है। तब पुरुष टीम ने कांस्य पदक हासिल किया था। भारतीय महिला टीम इन खेलों में अपने पहले पदक पर संतोष जता सकती है क्योंकि इससे पहले के सात कांस्य पदक पुरुषों ने जीते थे।
साइना ने अपनी शानदार फार्म जारी रखी और विश्व में चौथे नंबर की कोरियाई खिलाड़ी सुंग जियहुन को 56 मिनट तक चले मुकाबले में 21-12, 10-21, 21-9 से हराया लेकिन अन्य भारतीय खिलाड़ी अपनी मजबूत प्रतिद्वंद्वियों से पार पाने में नाकाम रही।
भारत को पीवी सिंधु से काफी उम्मीद थी जिन्होंने अब तक के सफर में अच्छा प्रदर्शन किया था लेकिन विश्व में दसवें नंबर की यह भारतीय शटलर अपने से अधिक रैंकिंग की यियोनजु बाइ के खिलाफ शुरुआती बढ़त का फायदा उठाने में नाकाम रही। उन्होंने छठे नंबर की बाइ का 79 मिनट तक मुकाबला किया लेकिन आखिर में करीबी मैच में 21-14, 18-21, 13-21 से हार गई। इससे यह मुकाबला भी 1-1 से बराबरी पर आ गया।
भारतीय टीम में अच्छे डबल्स खिलाड़ियों की कमी फिर से खली। प्रदन्या गादरे और एन सिक्की रेड्डी पहले डबल्स में किम सोयोंग और चांग येना से सीधे गेम में 16-21, 17-21 से हार गई। इसके बाद कोरिया की किम ह्योमिन ने पीसी तुलसी को 21-12, 21-18 से हराकर अपनी टीम को फाइनल में पहुंचाया। भारत और सेमीफाइनल में हारने वाले जापान (जो चीन से 1-3 से हारा) को अंतिम चार में पहुंचने के कारण कांस्य पदक मिला।
विश्व में सातवें नंबर की साइना ने भारत को शानदार शुरुआत दिलाई। उन्होंने पहले दस अंक तक करीबी मुकाबले के बाद लगातार 11 अंक बनाकर पहला गेम केवल 18 मिनट में जीत लिया। दूसरे गेम में उन्होंने 1-0 की बढ़त से शुरुआत की लेकिन इसके बाद अचानक ही उन्होंने गलतियां करनी शुरू कर दी और वह जल्द ही 9-17 से पीछे हो गई। तीसरे और निर्णायक गेम में साइना ने नेट पर शानदार खेल का प्रदर्शन किया। उनकी प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी ने भी कई गलतियां कीं जिसका खामियाजा उन्हें मैच हारकर भुगतना पड़ा। साइना ने मैच के बाद कहा, ‘कोर्ट के एक पाले में काफी झुकाव था जिसकी मैं आदी नहीं थी क्योंकि मैं शनिवार को (थाईलैंड की पूर्व विश्व चैंंपियन रतचानोक इंटानोन के खिलाफ) साइड कोर्ट पर खेली थी।’
दूसरा सिंगल्स मैच विश्व की 10वें नंबर की खिलाड़ी सिंधु और छठे नंबर की कोरियाई खिलाड़ी बाइ येयोनजु के बीच मुकाबले में घरेलू खिलाड़ी ने जीत दर्ज करके अपनी टीम को वापसी दिलाई और स्कोर 1-1 से बराबर हो गया। सिंधु ने पहले गेम में अच्छा प्रदर्शन करते हुए इसे जीता और दूसरे गेम में भी एक समय वह 11-11 से बराबरी पर थी। इस गेम के अंतिम पलों में दोनों खिलाड़ियों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिली लेकिन कोरियाई खिलाड़ी ने नेट पर अच्छा खेल दिखाकर सिंधु को पराजित किया। तीसरे गेम में भी कांटे की टक्कर देखने को मिली लेकिन कोरियाई खिलाड़ी एक बार फिर बेहतर साबित हुई।
सिंधु ने कहा, ‘यह काफी अच्छा मैच था और वह बहुत अच्छा खेली। कई बार लंबे समय तक खेल खेला गया। मैं तीसरे गेम में पिछड रही थी और वहां से मैंने वापसी की। नेट पर दो गलतियां किसी भी तरफ मैच को लेकर जा सकती थीं।’ राष्ट्रीय कोच गोपीचंद ने भारतीय महिलाओं के पदक जीतने पर खुशी जताते हुए कहा कि साइना ने कड़े मुकाबले में जीत दर्ज की जबकि सिंधु को अथक प्रयास के बावजूद हार का मुंह देखना पड़ा।
कोरिया से हारी भारतीय महिलाएं, बैडमिंटन में भी मिला कांस्य
इंचियोन। स्टार शटलर साइना नेहवाल से मिली शानदार शुरुआत के बावजूद भारतीय महिला बैडमिंटन टीम रविवार को यहां मेजबान दक्षिण कोरिया से 1-3 से हार गई लेकिन वह एशियाई खेलों में पहली बार कांस्य पदक हासिल करने में सफल रही। भारत का यह सोल एशियाई खेल 1986 के बाद बैडमिंटन में पहला पदक है। तब […]
Written by भाषाAakriti Arora

Jansatta.com पर पढ़े ताज़ा खेल समाचार (Khel News), लेटेस्ट हिंदी समाचार (Hindi News), बॉलीवुड, खेल, क्रिकेट, राजनीति, धर्म और शिक्षा से जुड़ी हर ख़बर। समय पर अपडेट और हिंदी ब्रेकिंग न्यूज़ के लिए जनसत्ता की हिंदी समाचार ऐप डाउनलोड करके अपने समाचार अनुभव को बेहतर बनाएं ।
First published on: 22-09-2014 at 11:58 IST