भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व स्पिनर हरभजन सिंह ने युजवेंद्र चहल को एशिया कप 2023 के लिए भारतीय वनडे टीम में नहीं चुने जाने के बाद भारतीय सेलेक्टर्स के फैसले पर निराशा जाहिर की। 33 साल के चहल को इस टूर्नामेंट के लिए 17 सदस्यीय भारतीय टीम से बाहर रखा गया और कुलदीप यादव को स्पिन ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा और अक्षर पटेल के साथ एकमात्र रिस्ट स्पिनर के रूप में टीम में जगह दी गई। चहल के टीम में शामिल नहीं करने को लेकर चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर ने कहा था कि एक ही टीम में दो रिस्ट स्पिनर को शामिल नहीं किया जा सकता था और इसकी वजह से ही चहल को टीम में जगह नहीं दी गई।

सफेद गेंद के प्रारूप में चहल से बेहतर स्पिनर कोई नहीं

हरभजन सिंह का मानना है कि चहल सिमित ओवरों के प्रारूप में टीम इंडिया के सर्वश्रेष्ठ स्पिनर हैं और उन्होंने कहा कि कुछ निराशाजनक प्रदर्शन उन्हें खराब गेंदबाज नहीं बनाते हैं। अनुभवी स्पिनर चहल पिछले कुछ वर्षों से टीम से अंदर और बाहर होते रहे हैं। उन्होंने 2022 में आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया था, लेकिन टूर्नामेंट में एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला था। हरभजन सिंह ने अपने यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए कहा कि एशिया कप के लिए चुनी गई टीम में जो एक जीत की कमी है वह चहल की अनुपस्थिति है। एक लेग स्पिनर जो गेंद को टर्न करा सकता है। अगर आप वास्तविक स्पिनर के बारे में बात करते हैं तो मुझे नहीं लगता है कि भारत में उनसे बेहतर कोई स्पिनर है और वो भी सफेद गेंद के प्रारूप में। हां, उनके पिछले कुछ गेम अच्छे नहीं थे, लेकिन वह एक खराब गेंदबाज नहीं बन जाते।

हरभजन सिंह ने आगे कहा कि भारत को 5 अक्टूबर से भारत में होने वाले आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप के लिए युजवेंद्र चहल के नाम पर विचार करना चाहिए। एक खिलाड़ी जो लगातार बाहर होने के बाद टीम में आएगा वह एक प्रभाव डालेगा। भज्जी ने कहा कि मुझे लगता है कि टीम में उनकी मौजूदगी जरूरी थी और मुझे उम्मीद है कि उनके लिए दरवाजे बंद नहीं होंगे। विश्व कप के लिए उनेक नाम पर विचार करना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह टूर्नामेंट भारत में खेला जाएगा। चहल एक मैच विनर हैं और उनका फॉर्म अच्छा नहीं है इसलिए हो सकता है कि आपने उन्हें आराम दिया हो, लेकिन मुझे लगता है कि अगर वह टीम के साथ होते तो उनका आत्मविश्वास बरकरार रहता। जो भी खिलाड़ी बाहर होने के बाद वापस आता है उस पर अच्छा प्रदर्शन करने का दवाब हमेशा बना रहता है।