What is Brumbrella Fielding: ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की एशेज टेस्ट सीरीज खेली जा रही है। इस सीरीज का पहला मैच एजबेस्टन में खेला जा रहा है और इस मैच के दौरान सबसे ज्यादा चर्चा उस फील्ड सेटिंग की की जा रही है जो इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने ऑस्ट्रेलिया के ओपनर बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा को आउट करने के लिए सेट की थी।
यही नहीं बेन स्टोक्स के द्वारा इस फील्ड को सेट किए जाने के बाद उस्मान ख्वाजा 141 पर बनाकर स्कॉट बोलैंड की गेंद पर आउट भी हो गए। बेन स्टोक्स ने ख्वाजा के खिलाफ जो फील्ड सेट की थी उसे ब्रुम्ब्रेला फील्डिंग नाम दिया गया है। आपको बताते हैं कि आखिर ये ब्रुम्ब्रेला फील्डिंग है क्या।
क्या है Brumbrella फील्डिंग
क्रिकेट के मैदान पर फील्डिंग में इस्तेमाल किया जाने वाला ये सबसे नया टर्म है जिससे काफी लोग अनजान हैं। इंग्लैंड ने ख्वाजा को आउट करने के लिए जो फील्ड सेट किया था उसमें छह खिलाड़ियों को कैचिंग पोजीशन पर बल्लेबाज के सामने ऑफ और ऑन साइड पर रखा गया था।
इस फील्ड सेटिंग को अगर आप देखेंगे तो ये अंब्रेला (छाता) के आकार का नजर आता है। ख्वाजा के लिए ये फील्ड सेटिंग इस वजह से की गई थी कि वो सामने से रन नहीं निकाल पाएं और इसकी वजह से वो दबाव में आ गए थे। ख्वाजा बल्लेबाजी के समय इस फील्ड सेटिंग के पीछे की रणनीति नहीं समझ पाए थे और वो रॉबिन्सन की यॉर्कर को बाहर निकलकर खेलने के प्रयास में बोल्ड आउट हो गए थे।
रिकी पोंटिंग ने जताई ब्रुम्ब्रेला फील्डिंग पर हैरानी
ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग ने कहा कि उन्होंने इस तरह की फील्ड सेटिंग पहली हार देखी और उन्हें काफी हैरानी हो रही है। आईसीसी से बात करते हुए पोंटिंग ने कहा कि मैंने टेस्ट क्रिकेट में इससे पहले ऐसा कभी नहीं देखा था। बल्लेबाजों के चेहरे के सामने चारों तरफ सिर्फ फील्डर्स की एक छतरी थी और सबकुछ सिर्फ कुछ स्लोअर बॉल और यॉर्कर गेंद फेंकने को लेकर था। निश्चित रूप से ख्वाजा ने अपने पैरों की इस्तेमाल किया, रूम बनाने के लिए खुद को कुछ जगह दी और अपने स्टंप छोड़ दिए और फिर यॉर्कर पर बोल्ड हो गए।
पोंटिंग ने आगे कहा कि यह एक शानदार चीज है और टीम को इस तरह से खेलते हुए देखना टेस्ट मैच में वास्तव में कुछ नया है। वहीं एक कप्तान जो विकेट लेने के लिए जो कुछ कर सकता है इसका ये बेस्ट उदाहरण है। पोंटिंग ने बेन स्टोक्स की कप्तानी की तारीफ करते हुए कहा कि इंग्लैंड का ये ऑलराउंडर किसी भी नए प्रयोग से नहीं डरता है और नई रणनीति को लागू करने की कोशिश करता रहता है।