दिल्ली व जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) का संकट गहरा गया है। मंगलवार को सौंपी जांच समिति की रिपोर्ट में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड से उसे निलंबित करने को कहा गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन बीते गुरुवार को किया था। भारत के पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी और दिल्ली रणजी टीम के कप्तान गौतम गंभीर ने केजरीवाल से मुलाकात कर उनसे डीडीसीए में वित्तीय गड़बड़ियों के मामले में दखल देने को कहा था। उसके बाद ही केजरीवाल ने जांच समिति का गठन किया था। यह सही है कि डीडीसीए में गुटबाजी काफी बढ़ी है और अनियमितताएं भी हैं। लेकिन जांच समिति ने जो सिफारिश की है, वह सियासी ज्यादा लगती है।
पूर्व भारतीय ओपनर चेतन चौहान डीडीसीए से लंबे समय से जुड़े हैं। ऐसे में जांच समिति का यह कहना कि पेशेवर क्रिकेट खिलाड़ियों की अंतरिम समिति नियुक्त की जाए, तथ्यों को गलत तरीके से पेश करने जैसा है। फीरोजशाह कोटला पर भारत और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चौथा व आखिरी टैस्ट यहां तीन दिसंबर से खेला जाना है। यह भी कम दिलचस्प नहीं है कि समिति ने अपनी रिपोर्ट ठीक उसी दिन सौंपी है, जिस दिन बीसीसीआइ ने डीडीसीए के लिए तमाम सरकारी एजंसियों से मैच के आयोजन के लिए समय सीमा तय किया था।
समिति ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी है और फिलहाल यह सार्वजनिक नहीं हुई है। लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक समिति ने डीडीसीए के खिलाफ कड़े कदम उठाने को कहा है। समिति ने डीडीसीए को चसाने के लिए पेशेवर क्रिकेट खिलाड़ियों को नियुक्त करने की सिफारिश की है। इसके अलावा वित्तीय गड़बड़ियों के लिए आयोग के गठन की बात समिति ने कही है। तीन सदस्यीय समिति के अध्यक्ष सतर्कता विभाग के चेतन सांघी थे। इसके साथ ही समिति ने क्रिकेट के प्रशासनिक ढांचे को सूचना के अधिकार कानून के तहत लाने की सिफारिश भी की है। यह जानना कम दिलचस्प नहीं होगा कि बीसीसीआइ इसका कड़ा विरोध करती रही है और इस मामले में बीसीसीआइ के सभी अधिकारी एक मत हैं। समिति का कहना है कि उसकी यह रिपोर्ट आइपीएल सट्टेबाजी की जांच कर रही न्यायमूर्ति लोढ़ा समिति को सौंपी जाए जो फिलहाल बीसीसीआइ के कामकाज में सुधार के लिए सुझाव तैयार करने में जुटे हैं। हालांकि समिति ने यह साफ कर दिया है कि इस जांच का चौथे टैस्ट की मेजबानी से किसी तरह का लेनादेना नहीं है। माना जारहा है कि सरकार समिति की सौंपी रिपोर्ट का अध्ययन कर रही है।
यों टैस्ट की मेजबानी के लिए डीडीसीए को कई एजंसियों से मंजूरी लेनी है। डीडीसीए पर मनोरंजन कर के तौर पर करीब पच्चीस करोड़ रुपए का बकाया है। उसे यह रकम आबकारी विभाग को देना है। फीरोजशाह कोटला पर टैस्ट के लिए उसे आबकारी विभाग से भी मंजूरी लेनी होगी। सूत्रों के मुताबिक सरकार का मानना है कि खेल राज्य का मुद्दा है और दिल्ली में खेलों के प्रभावी संचालन के अधिाकर उसके पास हैं। यह बात दीगर है कि आबकारी आयुक्त अर्धशासी प्राधिकरण है और डीडीसीए की कर माफी की मांग के खिलाफ अपीली पंचाट और अदालत में जाने को स्वतंत्र है। आबकारी विभाग के अधिकारियों ने कहा कि इस मुद्दे में सरकार की कोई भूमिका नहीं है। दावा किया कि इस मामले में सरकार की कोई भूमिका नहीं है। माना जा रहा है कि 2012 से मनोरंजन कर का भुगतान नहीं किया गया है और डीडीसीए को कर के भुगतान से छूट मिलने की उम्मीद है।
पिछले कुछ दिन काफी हलचल भरे रहे। पहले सरकार ने समिति का गठन किया। इसके बाद एक-दूसरे के खिलाफ आरोपों का दौर चला। पहले बेदी और गंभीर केजरीवाल से मिले। उसके बाद रविवार को डीडीसीए उपाध्यक्ष चेतन चौहान और कोषाध्यक्ष रविंदर मनचंदा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की। बीसीसीआए ने डीडीसीए को मंगलवार तक का समय दिया था कि वह टैस्ट के आयोजन के लिए तमाम सरकारी एजंसियों से जरूरी मंजूरी हासिल कर ले, नहीं तो टैस्ट दिल्ली की बजाय पुणे में होगा।