टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और दिग्ग्ज बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी इन दिनों क्रिकेट के मैदान से ब्रेक लेकर भारतीय सेना के साथ ट्रेनिंग कर रहे हैं। धोनी टेरिटोरियल आर्मी की पैराशूट रेजिमेंट का हिस्सा हैं। इसके चलते वो 31 जुलाई से लेकर 15 अगस्त तक कश्मीर में रहकर सेना के साथ गश्त करते नजर आएंगे। माही के इस कदम की चर्चा जोरों पर है औक लोग उनकी जनकर सराहना कर रहे हैं। खेल में अपनी प्रतिभा के दम पर दुनिया भर में अपना लोहा मनवाने वाले क्रिकेटर्स जब देश की सुरक्षा के लिए इस तरह आगे आते हैं तो वाकई इसका संदेश बहुत बड़ा होता है। हालांकि एमएस धोनी ऐसे पहले क्रिकेटर नहीं रहे हैं जो आर्मी के साथ इस तरह का वक्त बिता रहे हैं। उनके अलावा भी कुछ ऐसे खिलाड़ी रहे हैं जिन्होंने बल्ले के साथ-साथ बंदूक उठाकर भी देश का मान बढ़ाने का प्रयास किया है।

सीके नायडूः भारतीय क्रिकेट टीम के पहले कप्तान कर्नल सीके नायडू 1923 में होल्कर राजा के न्योते पर इंदौर पहुंचे थे। उनकी सेना में उन्हें कर्नल का पद दिया गया था। नायडू ने 7 टेस्ट मैचों में हिस्सा लिया था। वहीं उनका सबसे अधिक स्कोर 81 रन इंग्लैंड के खिलाफ था जब उन्होंने 40 साल की उम्र में इसे बनााया था। इसके अलावा लेफ्टिनेंट कर्नल हेमू का टेस्ट करियर दूसरे विश्व युद्ध के कारण देर से शुरू हुआ। उन्होंने 29 साल की उम्र में अपने करियर की शुरुआत की। उनके समय में खेले गए कुल 47 टेस्ट मैचों में वे सिर्फ 21 में ही भाग ले सके।

सचिन तेंदुलकरः क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर का भी आर्मी से काफी करीबी रिश्ता रहा है। उन्हें भारतीय एयरफोर्स ने 2010 में मानद कप्तान बनाया था। सचिन तेंदुलकर दुनिया के पहले बल्लेबाज हैं जिन्होंने शतकों का शतक लगाया है और वनडे क्रिकेट में पहला दोहरा शतक लगाने का भी रिकॉर्ड सचिन के नाम ही है। इसके अलावा चंद्रशेखर गडकरी, नारायण स्वामी, रमन सुरेंद्रनाथ, अपूर्व सेनगुप्ता और वेंटप्पा मुद्दीआ ने भी सेना और क्रिकेट दोनों जगह सेवाएं दीं।