वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज से टीम इंडिया ने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2023-25 साइकल की शुरुआत की है। इसके साथ ही टीम में ट्रांजिशन भी शुरू हो गया है। डोमिनिका में पहले टेस्ट में यशस्वी जायसवाल और इशान किशन ने डेब्यू किया था। पिछली बार भारत लगभग एक दशक पहले इसी तरह के दौर से गुजरा था, जब मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर और जहीर खान जैसे खिलाड़ियों ने संन्यास लिया था।

तब टीम इंडिया के चीफ सेलेक्टर संदीप पाटिल थे। वह इस पद पर 2012-16 तक बने रहे। पूर्व क्रिकेटर ने बताया है कि ट्रांजिशन के दौरान और सीनियर खिलाड़ियों से आगे बढ़ने के बारे में सोचने को लेकर चयनकर्ताओं के सामने क्या चुनौतियां होती हैं। उन्होंने वर्तमान मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर को लेकर अपनी राय दी और कहा कि टीम चुनते वक्त व्यक्तिगत संबंधों के बारे में नहीं सोचना चाहिए।

रोडमैप बनाना होगा

संदीप पाटिल ने स्पोर्ट्स्टार से बातचीत में कहा, “आपको एक रोडमैप बनाना होगा। हमने उन सीनियर खिलाड़ियों का सम्मान करते थे, जो टीम का हिस्सा थे और जिन्हें युवाओं के लिए जगह खाली करनी थी। आपको इस बात पर ध्यान होगा कि नई पीढ़ी की फॉर्म और फिटनेस कैसी है। क्या वे टीम को आगे ले जा सकेंगे जाएंगे, जो उन्होंने किया।”

कुछ साहसिक निर्णय पसंद नहीं किए गए

संदीप पाटिल ने आगे कहा, ” हमें खुशी है कि हमने कुछ साहसिक निर्णय लिए जिन्हें तब पसंद नहीं किया गया या सराहा नहीं गया। लेकिन हमारे चार साल के कार्यकाल में किसी भी बोर्ड सदस्य ने हस्तक्षेप नहीं किया। इस तरह हम भारतीय क्रिकेट के भविष्य को देखते हुए निर्णय ले सकते थे। पिछले चार या पांच वर्षों में जो कुछ भी हुआ था उससे हम खुश थे।”

चयनकर्ता भी इसी तर्ज पर सोच रहे होंगे

संदीप पाटिल ने यह भी कहा, “अब भी वही हो रहा है और चयनकर्ता भी इसी तर्ज पर सोच रहे होंगे। राहुल (द्रविड़) कोच हैं और बहुत अनुभवी हैं। वह इसके बारे में सोच रहे होंगे और उम्मीद कर रहे होंगे कि चीजें ठीक हो जाएंगी।” ट्रांजिशन से निपटने की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि क्या धीरे-धीरे खिलाड़ियों को फेज आउट किया जाए या एक साथ कर दिया जाए?

निजी संबंधों को आपको किनारे रखना होगा

संदीप पाटिल ने इस सवाल पर कहा, “आप तीन या चार खिलाड़ियों को बाहर नहीं कर सकते। आपके पास वैकेंसी होनी चाहिए। ये दिग्गज हैं और उन्होंने भारत और विश्व क्रिकेट के लिए चमत्कार किया है। चयनकर्ताओं के लिए उन्हें बाहर करने के बारे में सोचना भी आसान नहीं है, लेकिन फिर आप उस स्थिति में हैं जहां आपको भारतीय क्रिकेट के भविष्य को देखने का काम दिया गया है। निजी संबंधों को आपको किनारे रखना होगा।”

मुख्य चयनकर्ता बनने से पहले मैं उनका मित्र था

संदीप पाटिल ने कहा, ” मुख्य चयनकर्ता बनने से पहले मैं उनका मित्र था। मेरा कार्यकाल पूरा होने के बाद चीजें बदल गईं। लेकिन मैं उन्हें दोष नहीं देता। हमने शीर्ष खिलाड़ियों सहित सभी सीनियर्स से बात की। लेकिन बाद में मुझे पता चला कि उन्होंने कहा कि हमने कभी बात नहीं की। मैं अकेला नहीं था बल्कि कार्य अन्य चयनकर्ताओं को भी दिया गया। मुझे याद मैंने कुछ लोगों से विस्तार से बात की थी। विक्रम (राठौर), सबा (करीम), और रोजर (बिन्नी) ने भी किया। जब आप किसी खिलाड़ी का चयन करते हैं, तो आप मित्र बन जाते हैं; जब आप उसे छोड़ देते हैं, तो आप उसके दुश्मन बन जाते हैं, लेकिन यह खेल का हिस्सा है।”

अजीत अगरकर को लेकर संदीप पाटिल क्या बोले

अजीत अगरकर को लेकर संदीप पाटिल ने कहा, ” अजीत ने काफी क्रिकेट खेला है और मुंबई के मुख्य चयनकर्ता रहे हैं। वह अपना काम जानते हैं। मैंने उन्हें खेलते देखा है और वह काफी सोचते हैं। उन्होंने राहुल के साथ भी खेला है, जिससे किसी बाहरी व्यक्ति के साथ काम करने की तुलना में उनके साथ काम करना आसान हो गया है।”