94 साल की दादी भगवानी देवी डागर के बाद अब 81 साल के दादाजी यानी एमजे जैकब ने वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2022 में भारत का डंका बजाया है। भगवानी देवी ने इस प्रतियोगिता में 100 मीटर रेस में स्वर्ण पदक जीता था। अब केरल के पूर्व विधायक एमजे जैकब ने चैंपियनशिप में 200 मीटर और 80 मीटर हर्डल्स में कांस्य पदक जीते हैं। यह चैंपियनशिप फिनलैंड के टाम्परे (Tampere) में 29 जून से 10 जुलाई 2022 के बीच हुई। प्रतियोगिता में 82 देशों ने हिस्सा लिया। भारत एक स्वर्ण, एक रजत और 4 कांस्य पदक के साथ 36वें नंबर पर रहा। भगवानी देवी ने एक स्वर्ण के अलावा प्रतियोगिता में दो कांस्य पदक भी जीते।

माकपा नेता एमजे जैकब ने 2006 में केरल विधानसभा चुनाव में पिरावोम निर्वाचन क्षेत्र में 4 बार के विधायक टीएम जैकब को हराया था। तब उन्हें एक एथलेटिक्स मीट का उद्घाटन करने के लिए आमंत्रित किया गया था। ट्रैक एंड फील्ड में अपने कॉलेज में चैंपियन रहे एमजे जैकब ने तब एक कदम आगे निकलते हुए 100 मीटर रेस में हिस्सा भी लिया। हालांकि, वह पदक नहीं जीत पाए, लेकिन अब 16 साल बाद 81 साल की उम्र में उन्होंने एथलेटिक्स के प्रति अपने प्यार को फिर से जगाया और विश्व मंच पर सफलता हासिल की।

पहले से ही कई राष्ट्रीय और एशियाई मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में विजेता एमजे जैकब ने विश्व मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2022 में 0 से अधिक आयु वर्ग में दो पदक जीते। मास्टर्स चैंपियनशिप में 35 वर्ष से अधिक आयु के एथलीट्स हिस्सा ले सकते हैं। एमजे जैकब ने जीत के बाद फिनलैंड से इंडियनएक्सप्रेस.कॉम को बताया, ‘यह पहली बार है जब मैं विश्वस्तर पर किसी इंडीविजुअल इवेंट में पदक जीता हूं। मुझे नहीं पता कि यह एक बड़ी उपलब्धि है या नहीं। लेकिन निश्चित रूप से, यह संतोषजनक है।’

जैकब इससे पहले फ्रांस (2015), ऑस्ट्रेलिया (2016) और स्पेन (2018) में हुई विश्व मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में हिस्सा ले चुके थे। उन्होंने जापान (2014), सिंगापुर (2016), चीन (2017) और मलेशिया (2012) में एशियाई मास्टर्स में भी हिस्सा लिया था। जैकब ने हाल ही में चेन्नई में आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिता में जीत हासिल की थी, उन्हें फिनलैंड में भी लंबी कूद में हिस्सा लेना था, लेकिन कुछ परेशानी होने के कारण उन्हें इस इवेंट को छोड़ना पड़ा।

सुबह 4 बजे उठना और 4 किमी दौड़ना: यह है सफलता का राज

केरल में अधिकांश राजनेताओं के लिए खुद के लिए समय निकालना विलासिता माना जाता है, लेकिन जैकब अब भी अभ्यास करते हैं। उन्होंने बताया, ‘मैं सुबह जल्दी उठता हूं, लगभग 4 बजे, और कम से कम 4 किमी दौड़ता हूं। कुछ दिन मैं योग भी करता हूं। इससे पहले कि मैं सुबह अन्य कार्यों में व्यस्त हो जाऊँ, मैं यह सुनिश्चित कर लेता हूं कि मैं अपनी फिजिकल एक्टीविटीज पूरी कर लूं। भले ही बारिश हो रही हो, मैं अपनी सुबह की दौड़ से नहीं चूकूंगा। जो मैं करता हूं वह कोई विशेष कसरत नहीं है, लेकिन मैं खुद को प्रतियोगिताओं के लिए तैयार करने के लिए हर दिन ये काम करता हूं।’

नियंत्रित आहार भी है सफलता की कुंजी

एमजे जैकब कभी-कभी केरल के पिरावम के मणिमलकुन्नू गवर्नमेंट कॉलेज स्टेडियम में अभ्यास करते हैं। उस स्टेडियम को उन्होंने अपनी विधायक निधि का इस्तेमाल करके बनाया था। जैकब की सफलता की एक और कुंजी नियंत्रित आहार है। जैकब ने बताया, ‘जब आप एक राजनेता होते हैं, तो आपको लगभग हर दिन शादियों जैसे कुछ कार्यक्रमों में आमंत्रित किए जाने की संभावना होती है। मैं इन सभी में शामिल होने की पूरी कोशिश करता हूं, लेकिन जब इन जगहों पर पेश किए जाने वाले व्यंजनों की बात आती है तो मैं बहुत ज्यादा नहीं लेता हूं।’