भारतीय क्रिकेट टीम ने 60 साल पहले 1962 में वेस्टइंडीज का दौरा किया था। उस दौरे में कैरेबियाई गेंदबाज चार्ली ग्रिफिथ की बाउंसर बल्लेबाजी कर रहे नारी कॉन्ट्रैक्टर के सिर में लग गई थी। टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर के सिर में तब इतनी तेज रफ्तार से गेंद लगी थी कि उनका सिर फट गया था। उस समय डॉक्टरों ने नॉरी कॉन्ट्रैक्टर के सिर में मेटल की प्लेट लगाई थी।
उस मेटल की प्लेट को अब 60 साल बाद मुंबई के एक अस्पताल में सर्जरी के जरिए हटा दिया गया है। दरअसल, नारी कॉन्ट्रैक्टर को सिरदर्द की शिकायत रहने लगी थी। इसके बाद मेडिकल सलाह पर उनके सिर से प्लेट को निकाला गया। नारी कॉन्ट्रैक्टर के बेटे होशेदार ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि सर्जरी के बाद उनके पिता ठीक हैं और जल्द ही उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी।
होशेदार ने बताया, ‘ऑपरेशन सफल रहा है। वह जल्द ही ठीक हो जाएंगे। वह कुछ और दिन अस्पताल में रहेंगे। डॉक्टर की सलाह के बाद हम उन्हें घर ले जाएंगे। हम एक बार में एक कदम उठाएंगे। मेटल प्लेट के कारण वहां की स्किन (त्वचा) हट रही थी। डॉक्टरों ने प्लेट को हटाने की सलाह दी थी। हमारा परिवार थोड़ा चिंतित था। यह एक बड़ा ऑपरेशन नहीं है, लेकिन निश्चित रूप से एक अहम ऑपरेशन था।’
88 साल के नारी कॉन्ट्रैक्टर ने भारत के लिए 31 टेस्ट मैच खेले। उन्होंने 138 प्रथम श्रेणी मैच भी खेले। उस चोट के बाद उनका अंतरराष्ट्रीय करियर थम गया। हालांकि, उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में वापसी की थी। उनकी एक और शानदार पारी 1959 में इंग्लैंड के खिलाफ भी देखने को मिली थी। तब उन्होंने टूटी पसलियों के बावजूद लॉर्ड्स में 81 रन की पारी खेली थी।
साल 1962 में सिर फट जाने के बाद नारी कॉन्ट्रैक्टर 6 दिनों तक बेहोश रहे थे। सर्जरी के दौरान तब नारी कॉन्ट्रैक्टर की जिंदगी बचाने के लिए कम से कम 5 लोगों ने रक्तदान किया था। उन लोगों में वेस्टइंडीज के महान कप्तान फ्रैंक वॉरेल, चंदू बोर्डे, बापू नादकर्णी, पॉली उमरीगर और पत्रकार केएन प्रभु शामिल थे। उस चोट के बाद नारी कॉन्ट्रैक्टर के कई ऑपरेशन हुए। बाद में तमिलनाडु के एक अस्पताल में ढाई घंटे के ऑपरेशन के बाद उनके सिर में मेटल प्लेट लगाई गई थी।