मुंबई के अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज आदित्य तारे ने आगामी घरेलू सत्र में उत्तराखंड के लिए खेलने का फैसला किया है। 41 बार की रणजी ट्रॉफी चैंपियन टीम आखिरी बार 2105 -16 में इनकी कप्तानी में यह खिताब जीती थी। 34 वर्षीय तारे का यह ऐसा तब किया है जब मुंबई चयन समिति ने उन्हें 47 खिलाड़ियों वाले ऑफ-सीजन कैंप में शामिल नहीं किया। इससे पहले उनको पिछले साल मुंबई की विजय हजारे ट्रॉफी टीम से बाहर कर दिया गया था।

तारे इस साल मुंबई को अलविद कहकर किसी अन्य राज्य के लिए खेलने का फैसला करने वाले तीसरे क्रिकेटर हैं। इससे पहले दिग्गज सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन तेंदुलकर और सिद्धेश लाड ने गोवा रुख कर लिया। मुंबई के छोड़ने के फैसले पर तारे ने कहा, ” मुंबई छोड़ने को लेकर मैं कैसा महसूस कर रहा हूं, इसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है। मैं 16 साल का था जब मुझे अपनी पहली मुंबई कैप मिली थी। इसके बाद से आज तक 34 साल की उम्र तक मैंने इसका आनंद लिया है। गर्व के साथ खेला है और मुंबई का खिलाड़ी बनने के अपने सपने को जीया है!”

तारे ने कहा कि वह मुंबई के ड्रेसिंग रूम को काफी याद करेंगे, उन्होंने कहा, “जिस चीज की मुझे सबसे ज्यादा याद आएगी वह है मुंबई का ड्रेसिंग रूम। यह एक खास जगह है। मुझे कुछ अविश्वसनीय खिलाड़ियों और लोगों के साथ एक दशक से अधिक समय तक इसका हिस्सा बनने का सौभाग्य मिला, जिनमें से कुछ मेरे सबसे अच्छे दोस्त रहे हैं।”

तारे ने 80 प्रथम श्रेणी मैच खेले और 4523 रन बनाए। उन्होंने 73 लिस्ट ए मैचों में 36 की औसत से 1841 रन बनाए। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि जिस तरह से उनका मुंबई के लिए करियर समाप्त हुआ, उससे वह आहत हैं। उन्होंने कहा, “मैं झूठ नहीं बोलूंगा, जिस तरह से चीजें समाप्त हुईं, उससे थोड़ा दुख हुआ। लेकिन यह नई चुनौतियों और नए माहौल को अपनाने का समय है और मैं अपने करियर के इस नए चरण को लेकर उत्साहित हूं, जिसमें अभी बहुत कुछ देना बाकी है।

बता दें कि मुंबई की टीम पृथ्वी शॉ की कप्तानी में पिछली बार रणजी ट्रॉफी के फाइनल में पहुंची थी। मध्य प्रदेश से उसे हार का सामना करना पड़ा था। तारे जून में क्वार्टर फाइनल में चोटिल होने से पहले रणजी ट्रॉफी का हिस्सा थे, लेकिन फाइनल खेलने से चूक गए। वह इससे पहले आईपीएल में मुंबई इंडियंस टीम का भी हिस्सा थे।