दुनिया में हर साल छोटी-बड़ी आपदाएं आती रहती हैं, जिसकी वजह से काफी बड़े पैमाने पर जान और माल की हानि होती है। अर्थव्यवस्था पर भी इसका भारी असर पड़ता है। इस तरह की आपदाएं लोगों को भारी मुसीबत में डाल देती हैं। इनसे बचने के लिए एक कुशल आपदा प्रबंधक का होना बेहद जरूरी है। यही वजह है कि आपदाओं से मुकाबला करने के लिए विशेष तैयारी पर ध्यान दिया जाने लगा है। इस क्षेत्र में करिअर की काफी संभावनाएं पैदा हो रही हैं। जिन लोगों के मन में जनसेवा का भाव है और वह अत्यधिक दबाव की स्थिति में पूरे उत्साह के साथ में यह कार्य कर सकते हैं, उनके लिए आपदा प्रबंधन का यह क्षेत्र बेहद उचित है।

पाठ्यक्रम – आपदा प्रबंधन से जुड़े विभिन्न पाठ्यक्रमों में इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट सहित सभी विषयों के छात्र आवेदन कर सकते हैं। इसमें स्नातक, स्नातकोत्तर और एमबीए पाठ्यक्रमों के साथ छोटी अवधि के दूरस्थ्य पाठ्यक्रम भी करवाए जाते हैं। पाठ्यक्रम के दौरान आपदा से पहले और आपदा के बाद के प्रबंधन और प्रबंधन के वैज्ञानिक तरीकों के बारे में बताया जाता है। इस दौरान जोखिम आकलन और आपदा प्रबंधन, बचाव के विचार, आपदा नियंत्रण के लिए विधायी संरचना, आपदा कम करने के उपाय, आपदा प्रबंधन में जीआइएस का प्रयोग और बचाव शामिल हैं।
योग्यता

आपदा प्रबंधन में सर्टिफिकेट कोर्स, अवधि- 6 महीने, योग्यता- 12वीं कक्षा उत्तीर्ण

आपदा प्रबंधन में एमए/एमएससी, अवधि- दो साल, योग्यता- किसी भी विषय में स्नातक डिग्री

पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा, अवधि- एक साल, योग्यता- किसी भी विषय में स्नातक डिग्री

एम. फिल, अवधि- दो साल, योग्यता- किसी भी विषय में स्नातक डिग्री

कितना मिलता है वेतन – वेतन काफी जॉब प्रोफाइल और अनुभव पर निर्भर करता है। इस क्षेत्र में शुरुआती दिनों में पेशेवरों को 10 हजार रुपए प्रति महीना वेतन मिल सकता है। इसके बाद 2-3 सालों के अनुभव के बाद इसमें बढ़ोतरी होगी और यह 15 से 20 हजार रुपए प्रति माह तक पहुंच सकता है। दस सालों के अनुभव के बाद साल 18 लाख रुपए तक का पैकेज मिल सकता है।
नौकरी के अवसर – सरकारी व निजी संगठनों में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में रोजगार के अच्छे अवसर हैं। इनके कार्य प्रोफाइल अलग-अलग हो सकते हैं जैसे-अनुंसधान, अध्यापन, परामर्श, मॉक ड्रिलर विशेषज्ञ, आपदा तैयारी समन्वयक, आपदा तैयारी विशेषज्ञ, आपातकालीन प्रबंधन कार्यक्रम विशेषज्ञ, आपातकालीन प्रबंधन प्रणाली निदेशक, आपातकालीन योजनाकार, आपातकालीन तैयारी कार्यक्रम विशेषज्ञ, आपातकालीन रिस्पॉन्स टीम लीडर, आपातकालीन सेवाएं निदेशक।

पूर्व चेतावनी प्रणाली बनाना – आपदा प्रबंधन मुसीबत के समय जल्द से जल्द बाहर निकलने के बारे में सिखाता है। आपदा प्रबंधन का कार्यक्षेत्र महज आपदा के बाद पुनर्निर्माण के कामकाज को संभालना या पीड़ित व्यक्तियों की मदद करना भर नहीं होता, बल्कि आपदा की पूर्व चेतावनी प्रणाली का विकास और इन हानियों को समय रहते कम करने से भी जुड़ा है। इस क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को खतरों की पहचान करनी होती है जिसका सामना कोई समुदाय करता है। इसमें खराब मौसम, रसायनिक विस्फोट या आतंकवादी खतरा शामिल है। साथ ही ने उन्हें आंतरिक सिस्टम को भी मजबूत करना होता है।

ये गुण जरूरी

दबाव में काम करना

तेजी से प्रतिक्रिया करना

योजना और प्रबंधन करना

संसाधनों का इस्तेमाल करना

समझना और आंकलन करना

संवाद स्थापित करना

लोगों का नेतृत्व करना

लोगों का सहयोग करना

यहां मिलेगी नौकरी

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान

सार्क आपदा प्रबंधन केंद्र, एनआइडीएम बिल्डिंग, नई दिल्ली</p>

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, नई दिल्ली

इंडिया मेट्रोलॉजिक्ल डिपार्टमेंट, लोधी रोड, नई दिल्ली

हरियाणा इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, गुरुग्राम

आंबेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, चंडीगढ़

श्रीकृष्णा इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, रांची

जीबी पंत इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालय एनवायरनमेंट एंड डेवलपमेंट, नैनीताल

आपदा प्रबंधन विपदाओं से निपटने की एक प्रक्रिया है

आपदा प्रबंधन अचानक आई विपदाओं से निपटने की एक प्रक्रिया है। आपदा दो तरह की होती हैं, एक प्राकृतिक और दूसरी मानवीय। दोनों ही आपदाओं की मार काफी भयंकर होती है, इसलिए ऐसे में जरूरी हो जाता है कि आपदा आने पर किस तरह पहले खुद को और फिर दूसरों की जान बचाई जाए। इसके बारे में आपदा प्रबंधन के जरिए जान सकते हैं। आपदा प्रबंधन प्राकृतिक और मानवीय परिस्थितियों के प्रभाव को नियंत्रित करने की तैयारी करता है।