प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पहले फिलिप कोटलर प्रेसिडेंशियल पुरस्कार से सम्मानित करने पर एक बार फिर विवाद हो गया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के तंज के बाद अब पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर ने नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने पुरस्कार को राष्ट्रीय शर्मिंदगी बताते हुए बुधवार (16 जनवरी, 2019) को पीएमओ से पुरस्कार वापस करने की अपील की। कांग्रेस नेता ने ट्वीट कर लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वीकार किया गया प्रथम फिलिप कोटलर प्रेसिडेंशियल पुरस्कार वापस किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार फर्जी है। एक न्यूज रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि पुरस्कार एक राष्ट्रीय शर्मिंदगी था। ट्वीट में उन्होंने भाजपा प्रचारकों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि जिन्होंने इसका प्रचार किया उन्हें इसके बजाय फिलिप कोटलर मार्केटिंग अवॉर्ड दिना जाना चाहिए।
बता दें कि सोमवार (14 जनवरी, 2019) को उस वक्त खासा विवाद पैदा हो गया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई दिल्ली में पहला फिलिप कोटलर प्रेसिडेंशियल पुरस्कार दिया गया। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने पीएम को दिए पुरस्कार पर तंज कसते हुए ट्वीट भी किया। उन्होंने लिखा, ‘परम आदरणीय प्रधानमंत्री जी को अद्वितीय अनोखा, अनूठा और अद्भुत अवार्ड मिलने पर कोटि-कोटि बधाई।’ इसके अलावा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी मंगलवार को कटाक्ष करते हुए कहा कि यह पुरस्कार इतना प्रसिद्ध है कि इसकी कोई ज्यूरी नहीं है और इससे पहले किसी को दिया नहीं गया था। राहुल गांधी ने ट्वीट में लिखा, ‘मैं अपने प्रधानमंत्री जी को कोटलर प्रेसिडेंशियल अवार्ड हासिल करने की बधाई देता हूं।’ उन्होंने तंज किया, ‘यह पुरस्कार इतना प्रसिद्ध है कि इसकी कोई ज्यूरी नहीं है, पहले किसी को दिया नहीं गया और अलीगढ़ की एक गुमनाम कंपनी द्वारा सर्मिथत है। इसके इवेंट साझेदार: पतंजलि और रिपब्लिक टीवी हैं।’
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी को यह पुरस्कार सोमवार को प्रदान किया गया। प्रधानमंत्री कार्यालय से सोमवार को जारी बयान में कहा गया कि यह पुरस्कार तीन आधार रेखा ‘पीपुल, प्रॉफिट और प्लानेट’ पर केन्द्रित है। यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष किसी देश के नेता को प्रदान किया जायेगा। पुरस्कार के प्रशस्तिपत्र में कहा गया है कि नरेन्द्र मोदी का चयन ‘‘देश को उत्कृष्ट नेतृत्व’’ प्रदान करने के लिये किया गया है। (भाषा इनपुट के साथ)
