Himachal Pradesh Election Result: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के 68 विधानसभा सीटों में से 40 सीटों को जीतकर कांग्रेस (Congress) ने भाजपा (BJP) को सत्ता से बाहर कर दिया है। हिमाचल प्रदेश से कई नेता भाजपा और केंद्र सरकार में बड़े पदों पर हैं। ऐसे ही एक नेता अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) हैं, जो केंद्र सरकार में मंत्री हैं और हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल (Prem Kumar Dhumal) के बेटे हैं। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी अनुराग ठाकुर के पैतृक हमीरपुर जिले की पांचों सीट हार गई है।
दो बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे प्रेम कुमार धूमल को इस बार भाजपा से टिकट नहीं मिला था। पिछले चुनाव में धूमल भाजपा के सीएम उम्मीदवार थे। उन्होंने हमीरपुर जिले के सुजानपुर से चुनाव लड़ा था लेकिन हार गए थे। 78 वर्षीय धूमल तीन बार सांसद चुने जा चुके हैं।
धूमल ने दिया था भाजपा को सुझाव
अनुराग ठाकुर ने हालिया विधानसभा चुनाव के लिए हिमाचल में काफी समय बिताया था। हमीरपुर जिले में बड़े पैमाने पर प्रचार भी किया था। धूमल परिवार का जिले के समीरपुर गांव में अपना पुश्तैनी घर है। भाजपा के चुनावी घोषणापत्र के जारी होने से ठीक पहले द इंडियन एक्सप्रेस के साथ एक साक्षात्कार में धूमल ने कहा था कि उन्होंने पार्टी को सुझाव दिया था कि उसे कम से कम चतुर्थ श्रेणी के सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना की वापसी की घोषणा करनी चाहिए।
दूसरी तरफ कांग्रेस ने सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना की वापसी की घोषणा। माना जा रहा है कि यह घोषण कांग्रेस की जीत के विभिन्न कारणों में से एक है।
अनुराग ठाकुर के प्रचार में क्या था?
चुनाव प्रचार के दौरान अनुराग ठाकुर ने वन रैंक वन पेंशन योजना, सेना के लिए बुलेट प्रूफ जैकेट के स्वदेशी निर्माण, राफेल विमान के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर में मोदी सरकार द्वारा संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने जैसे मुद्दों पर बात की।
हमीपुर की पांच विधानसभा सीटों में से सुजानपुर पर कांग्रेस के मौजूदा विधायक राजिंदर सिंह ने 399 मतों से जीत दर्ज की है। कांग्रेस के सुरेश कुमार ने भोरंज सीट जीती, जिसमें धूमल का पैतृक गांव समीरपुर पड़ता है।
नादौन में कांग्रेस के उम्मीदवार और उसके प्रमुख सीएम दावेदारों में से एक सुखविंदर सुक्खू विजेता हैं। हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र की लड़ाई कांग्रेस के उम्मीदवार पुष्पिंदर वर्मा और कांग्रेस के बागी आशीष शर्मा के बीच थी। शर्मा ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप से चुनाव लड़ा था। इस सीट से आशीष शर्मा 12,899 मतों से जीते हैं। बड़सर सीट से कांग्रेस के इंदर दत्त लखनपाल ने 13,792 मतों से जीत हासिल की है।
‘वे नुकसान पहुंचाएंगे’
धूमल ने अपने साक्षात्कार में विद्रोहों से पैदा होने वाले खतरों पर ध्यान दिलाया था। उन्होंने कहा था, ”यहां तक कि एक भी मतदाता का पार्टी से बाहर जाना पार्टी को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। अगर बागी होंगे तो निश्चित तौर पर वे हमें नुकसान पहुंचाएंगे। लेकिन जब किसी पार्टी के सत्ता में आने की संभावना होती है, तो कई उम्मीदवार सामने आते हैं और टिकट चाहते हैं… ये खेल के खतरे हैं।’