Himachal Pradesh Vidhan Sabha Chunav Result Analysis: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव (Himachal Pradesh Assembly Election) में कांग्रेस (Congress) ने भाजपा (BJP) को हरा दिया है। कांग्रेस ने कुल 68 विधानसभा सीटों में से 40 सीटों पर जीत दर्ज की है। बहुमत का आंकड़ा हासिल कर चुकी कांग्रेस, प्रदेश में सरकार बनने जा रही है। भाजपा को महज 25 सीटों पर ही जीत मिली है। हालांकि दिलचस्प यह भी है कि कांग्रेस केवल 37,974 वोट अधिक लाकर भाजपा को पटखनी देनें में कामयाब हुई है।
क्या कहते हैं आंकड़े?
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस, भाजपा से महज 37,974 वोट अधिक लाकर उसे सत्ता से बेदखल करने में सफल हुई है। कांग्रेस को कुल 18,52,504 वोट और भाजपा को कुल 8,14,530 वोट मिले हैं। वोट शेयर की बात करें, तो कांग्रेस का वोट शेयर 43.9 फीसदी और भाजपा का वोट शेयर 43 फीसदी रहा है। दोनों पार्टियों के बीच वोट शेयर का अंतर महज 0.9 प्रतिशत है, जो 1951 के बाद सबसे कम है।

2017 के विधानसभा चुनावों में भाजपा का वोट शेयर 48.79 प्रतिशत था और उसने 44 सीटों पर जीत दर्ज की थी। वहीं कांग्रेस को 21 सीटें मिली थीं और दोनों दलों के वोट शेयर के बीच 7.11 प्रतिशत का अंतर था।
2022 के नतीजों के विश्लेषण से यह भी पता चलता है कि 40 विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस औसतन 5,784 वोट के अंतर से जीती है। वहीं भाजपा ने जिन 25 सीटों जीत दर्ज की है, वहां औसतन 7,427 वोट का अंतर रहा है। सभी 68 सीटों पर जीत का औसत अंतर 6,575 मत दर्ज किया गया है।
राज्य भर में सबसे अधिक जीत का अंतर सिराज निर्वाचन क्षेत्र में देखने को मिला है, जहां मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कांग्रेस के चेत राम को 38,183 मतों के अंतर से हराया। सबसे कम अंतर भोरंज में दर्ज किया गया, जहां कांग्रेस उम्मीदवार सुरेश कुमार ने भाजपा के डॉ अनिल धीमान को सिर्फ 60 मतों से हराया है।

8 सीटों पर 1,000 से कम वोटों का अंतर
कुल मिलाकर आठ सीटों का फैसला 1,000 से कम वोटों के अंतर से हुआ है और इनमें से पांच सीटों- भोरंज (60), शिलाई (382), सुजानपुर (399), रामपुर (567) और श्री रेणुकाजी (860) पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। जबकि भाजपा ने तीन सीटें जीतीं हैं – श्री नैना देवीजी (171), बिलासपुर (276) और दरंग (618)।
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पहली बार हुआ ऐसा
हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों के इतिहास में पहली बार जीतने और हारने वाले दल के बीच वोट शेयर का अंतर इतना कम (0.9 प्रतिशत) हुआ है। राज्य में 1951 से 2022 के बीच अब तक 14 विधानसभा चुनाव हुए हैं। इस दौरान 1972 के विधानसभा चुनावों में जीतने और हारने वाले दलों के बीच अधिकतम 45.49 प्रतिशत का अंतर दर्ज किया गया था।