Who is Mohan Yadav: उज्जैन दक्षिण से भाजपा विधायक मोहन यादव मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री होंगे। 11 द‍िसंबर को भोपाल में भाजपा विधायक दल की बैठक में मोहन यादव के नाम पर मुहर लगी। इसके बाद उनके नाम की घोषणा की गई। मोहन यादव 2020 से शिवराज सिंह चौहान की सरकार में कैबिनेट मंत्री थे।

घर वालों ने कहा- भक्‍त को म‍िला महाकाल का आशीर्वाद

मोहन यादव का नाम बतौर भावी मुख्‍यमंत्री भोपाल में जैसे ही घोष‍ित हुआ, उज्‍जैन में उनके घर में खुशी की लहर दौड़ गई। उनके घर वालों ने कहा क‍ि वह महाकाल के बहुत बड़े भक्‍त हैं और यह (सीएम का पद) महाकाल का ही आशीर्वाद रहा क‍ि भाजपा ने उन्‍हें उनकी मेहनत का फल द‍िया।

मोहन यादव 58 साल के हैं। वह उज्‍जैन में अब्‍दालपुरा के न‍िवासी हैं। वह सामान्‍य पृष्‍ठभूम‍ि से आने वाले नेता हैं। उनकी छव‍ि साफ-सुथरी रही है। वह भाजपा से छात्र राजनीत‍ि के समय से ही जुड़े हैं।

राजनीत‍ि के मंझे हुए ख‍िलाड़ी और संघ के पुराने ‘सेवक’

मोहन यादव कॉलेज के द‍िनों से ही राजनीत‍ि में हैं। 1984 में वह अख‍िल भारतीय व‍िद्यार्थी पर‍िषद (एबीवीपी) में उज्‍जैन के नगर मंत्री हुआ करते थे और सात साल बाद ही (1991-92) में राष्‍ट्रीय मंत्री बन गए थे। राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ से भी उनका पुराना नाता है। 1993 में वह आरएसएस के उज्‍जैन नगर के सह खंड कार्यवाह थे।

उन्‍होंने व‍िधायक से मुख्‍यमंत्री का सफर भी केवल दस साल में ही पूरा कर ल‍िया। 2013 के चुनाव में वह पहली बार व‍िधायक बने थे। 2018 में भी जीते और जुलाई, 2020 में श‍िवराज सिंह चौहान ने उन्‍हें अपनी कैब‍िनेट में शाम‍िल क‍िया। इसके तीन साल बाद ही वह श‍िवराज की जगह मुख्‍यमंत्री चुन ल‍िए गए।

साफ छव‍ि, पर बयानों से रहे व‍िवाद में

उज्‍जैन दक्ष‍िण से चुनाव जीते यादव की छव‍ि पर कोई दाग नहीं रहा है, ले‍क‍िन अपनी असंयमित भाषा की वजह से वह कई बार सुर्खियों में रहे हैं। 2020 के उपचुनाव में चुनाव आयोग ने यादव के चुनाव प्रचार पर एक दिन का प्रतिबंध लगा दिया था। चुनाव आयोग ने यह कार्रवाई चुनावी सभाओं में अभद्र भाषा के इस्तेमाल की वजह से की थी। चुनाव आयोग द्वारा इस तरह का प्रतिबंध लगाए जाने का मतलब होता है कि नेता सभा, रैली, रोड शो आदि नहीं कर सकता। न ही कोई इंटरव्यू या भाषण दे सकता है। उनके विरोधी सीएम बनाए जाने की घोषणा होने के बाद यह बयान सोशल मीडिया पर शेयर करने लगे।

प्रदेश सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री रहते हुए मोहन यादव ने सीता के जीवन को तलाकशुदा महिलाओं जैसा बताया था। उज्जैन के एक कार्यक्रम में कारसेवकों को संबोधित करते हुए मोहन यादव ने कहा था, “जिस सीता माता को राम इतना बड़ा युद्ध करके लाए, उन्हें गर्भवती होने पर भी राज्य की मर्यादा के कारण छोड़ना पड़ा। सीता माता के बच्चों का जन्म जंगल में हुआ। इतने कष्ट के बावजूद भी वह पति के प्रति कितनी श्रद्धा करती है कि कष्टों को भूल कर भगवान राम के जीवन की मंगल कामना करती है… आज के दौर में ये जीवन तलाक के बाद की जिंदगी जैसा है। भगवान राम के गुणों को बताने के लिए उन्होंने बच्चों को भी संस्कार दिए।” सीता के धरती में समाने के प्रसंग को लेकर यादव ने कहा था, “आज की भाषा में इसे आत्महत्या कहा जाता है।”

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परिवार मैं कौन-कौन?

25 मार्च, 1965 को जन्‍मे मोहन यादव के प‍िता पूनम चंद यादव हैं। उनकी पत्‍नी सीमा यादव हैं। उनके एक बेटी और दो बेटे हैं। चुनावी हलफनामे के मुताब‍िक एक बेटा अभ‍िमन्‍यु उन पर आश्र‍ित है।

मोहन यादव ने 2010 में व‍िक्रम व‍िश्‍वव‍िद्यालय से पीचडी क‍िया है। वह कानून (एलएलबी) और मैनेजमेंट (एमबीए) भी पढ़े हुए हैं।