सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court judge) में नोटबंदी (Demonetisation) के फैसले के खिलाफ 58 याचिकाएं दाखिल की गई थीं। सोमवार 2 जनवरी, 2023 को उन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने नोटबंदी की प्रक्रिया को गलत मानने से इनकार कर दिया।
पांच में चार जजों (जस्टिस अब्दुल नज़ीर, बीआर गवई, एएस बोपन्ना और वी रामासुब्रमण्यम शामिल) ने माना की सरकार का फैसला सही था, वहीं एक जस्टिस बीवी नागरत्ना (Justice BV Nagarathna) ने नोटबंदी के फैसले के खिलाफ टिप्पणी की।
उन्होंने नोटबंदी को गैरकानूनी बताते हुए कहा, “नोटबंदी का फैसला केन्द्र सरकार की अधिसूचना के जरिए ना होकर विधेयक के जरिए होना चाहिए था, ऐसे महत्वपूर्ण फैसलों को संसद के सामने रखना चाहिए था।
आरबीआई द्वारा दिए गए रिकॉर्ड से ये साफ होता है कि रिजर्व बैंक द्वारा स्वायत्त रूप से कोई फैसला नहीं लिया गया बल्कि सबकुछ केन्द्र सरकार की इच्छा के मुताबिक हुआ। नोटबंदी करने का फैसला सिर्फ 24 घंटे में ले लिया गया। संसद के बिना लोकतंत्र फल-फूल नहीं सकता… ऐसे महत्वपूर्ण फैसलों पर संसद को अलग नहीं छोड़ा जा सकता।”
कौन हैं बीवी नागरत्ना? (Who Is Justice BV Nagarathna?)
जस्टिस बीवी नागरत्ना न्यायमूर्ति ईएस वेंकटरामैया की बेटी हैं। वेंकटरामैया 1989 में लगभग छह महीने के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश थे। जस्टिस बीवी नागरत्ना ने दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) के फेकल्टी ऑफ लॉ से एलएलबी (LLB) की पढ़ाई की है। न्यायमूर्ति नागरत्ना ने बेंगलुरु में लॉ की प्रैक्टिस शुरू की थी।
2008 में वह कर्नाटक उच्च न्यायालय की अतिरिक्त न्यायाधीश बनी थी। 2010 में उन्हें परमानेंट जज के रूप में पदोन्नत किया गया था। साल 2021 उन्हें सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किया गया था।
जस्टिस नागरत्ना 25 सितंबर, 2027 को भारत की चीफ जस्टिस बन सकती हैं। उनका कार्यकाल एक महीने से अधिक का होगा। वह भारत की 54वीं चीफ जस्टिस बन सकती हैं।