– यशी
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home minister Amit Shah) ने हाल में अयोध्या के राम मंदिर (Ram temple) के उद्घाटन की तारीख की घोषणा की। शाह ने बताया कि राम मंदिर 1 जनवरी, 2024 को तैयार हो जाएगा। इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Congress president Mallikarjun Kharge) ने गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर निशाना साधते हुए पूछा कि आप तारीख बताने वाले कौन होते हैं?
त्रिपुरा में दिया गया शाह का बयान पहली बार आधिकारिक तौर पर अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन की तारीख की घोषणा थी। अमित शाह के बयान के एक दिन बाद (6 जनवरी) कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने हरियाणा के पानीपत में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, ”क्या आप राम मंदिर के पुजारी हैं, क्या आप राम मंदिर के महंत हैं? महंतों, साधुओं और संतों को इस बारे में बात करने दीजिए। आप कौन होते हैं मंदिर के उद्घाटन की बात करने वाले? आप एक राजनेता हैं। आपका काम देश को सुरक्षित रखना, कानून बनाए रखना और लोगों के लिए भोजन सुनिश्चित करना और किसानों को उनके अनाज का पर्याप्त मूल्य प्रदान करना है।”
सरकार और उनकी पार्टी में शाह के कद और रुतबे को देखते हुए उनके द्वारा दिया गया कोई भी बयान वजनदार होगा। खड़गे की आलोचना मुख्य रूप से एक राजनीतिक बयान है। फिर भी सवाल तो उठता है कि तकनीकी रूप से मंदिर के बारे में घोषणा करना किसका काम है? निर्माण का प्रभारी कौन सा निकाय है और उसके सदस्य कौन हैं? आइए जानते हैं:
राम मंदिर निर्माण का प्रभारी कौन है?
सुप्रीम कोर्ट ने ध्वस्त बाबरी मस्जिद मामले में नवंबर 2019 को फैसला सुनाया था। फैसले में अयोध्या की 2.77 एकड़ विवादित जमीन राम मंदिर निर्माण के लिए एक ट्रस्ट को सौंप दिया गया था। यह ट्रस्ट फैसले के तीन महीने के भीतर बनना था। इसके बाद केंद्र सरकार द्वारा श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की स्थापना की गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 फरवरी, 2020 को लोकसभा में ट्रस्ट के गठन की घोषणा की थी। ट्रस्ट में 15 सदस्य हैं, जिनमें से 12 को भारत सरकार द्वारा नामित किया गया था और तीन को 19 फरवरी, 2020 को आयोजित अपनी पहली बैठक में चुना गया था।
ट्रस्ट के सदस्य कौन हैं?
विश्व हिंदू परिषद (VHP) के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव हैं, महंत नृत्य गोपाल दास अध्यक्ष हैं और कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरि हैं।
वरिष्ठ वकील के. परासरन संस्थापक ट्रस्टी सदस्य हैं, जबकि अन्य सदस्यों में स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, स्वामी विश्वप्रसन्नातीर्थ, युगपुरुष परमानंद गिरि, विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा, अनिल मिश्रा, कामेश्वर चौपाल और महंत दिनेंद्र दास का नाम शामिल हैं।
कुछ अन्य सदस्यों पीएम मोदी के पूर्व प्रमुख सचिव नृपेंद्र मिश्रा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सलाहकार अवनीश के अवस्थी, अयोध्या के जिला मजिस्ट्रेट (DM) और आईएएस अधिकारी ज्ञानेश कुमार शामिल हैं।
ट्रस्ट की वेबसाइट के अनुसार, मंदिर के निर्माण समिति में सात सदस्य हैं। समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा हैं। अन्य छह सदस्यों में उत्तराखंड सरकार के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी दिवाकर त्रिपाठी, दिल्ली के स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर के सेवानिवृत्त डीन प्रोफेसर रमन सूरी, पूर्व डीजी केके शर्मा, राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम के पूर्व सीएमडी अनूप मित्तल, CAG (कैग) के सचिव आशुतोष शर्मा का नाम शामिल है। ट्रस्ट ने 11 नवंबर, 2020 को निर्माण समिति को मंजूरी दी थी।
मंदिर खोले जाने को लेकर ट्रस्ट ने क्या कहा है?
सितंबर 2022 में नृपेंद्र मिश्रा ने कहा था कि राम मंदिर का भूतल दिसंबर 2023 तक तैयार हो जाएगा। मंदिर की पहली और दूसरी मंजिल दिसंबर 2024 तक तैयार हो जाएगी। 2025 के अंत तक मंदिर के नक्काशी का काम भी पूरा हो जाएगा। हालांकि प्राण प्रतिष्ठा के बाद भक्त जनवरी 2024 से पूजा-अर्चना कर सकेंगे।