आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और सीनियर एडवोकेट केवी विश्वनाथन (KV Viswanathan) ने 19 मई को सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर शपथ ली। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम (Supreme Court Collegium) ने 16 मई को सीनियर एडवोकेट विश्वनाथन और जस्टिस मिश्रा का नाम उच्चतम न्यायालय में बतौर जज नियुक्त करने की सिफारिश की थी। केंद्र सरकार ने कॉलेजियम की सिफारिश मंजूर कर ली।
उधर, कॉलेजियम एडवोकेट नागेंद्र नाइक (Nagendra Naik) को कर्नाटक हाईकोर्ट का जज नियुक्त करने की अपनी सिफारिश वापस लेने पर विचार कर रही है। एडवोकेट नाइक को अबतक 4 बार जज बनाने की सिफारिश की गई, लेकिन केंद्र ने इसे ठुकरा दिया। एडवोकेट नागेंद्र नाइक कर्नाटक विधानसभा का चुनाव भी लड़े, लेकिन बुरी तरह हार गए। इसी के बाद उन्हें जज बनाने की सिफारिश वापस लेने की तैयारी की जा रही है।
कौन-कौन सीजेआई बनने की कतार में?
मौजूदा चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) का कार्यकाल अगले साल नवंबर तक है। सीनियॉरिटी के आधार पर CJI की नियुक्ति हुई तो जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस बीवी नागरत्ना, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला, इसी क्रम में चीफ जस्टिस बनने की कतार में है।
केवी विश्वनाथन बतौर जज, सुप्रीम कोर्ट में 24 मई 2031 तक रहेंगे। अभी जो जज हैं, उसमें जस्टिस जेबी पारदीवाला सबसे आखिर में 11 अगस्त 2030 को सीजेआई से रिटायर होंगे। इसके बाद एडवोकेट विश्वनाथन को चीफ जस्टिस का पद मिल सकता है और रिटायरमेंट तक इस पद पर रहेंगे।
कौन हैं एडवोकेट विश्वनाथन? (Who is Advocate KV Viswanathan)
26 मई 1966 को जन्में एडवोकेट केवी विश्वनाथन का परिवार की कानून के पेशे से जुड़ा रहा है। कोयंबटूर लॉ कॉलेज से 5 साल की इंटीग्रेटेड लॉ डिग्री हासिल करने वाले विश्वनाथन ने साल 1988 तमिलनाडु बार काउंसिल में अपना रजिस्ट्रेशन कराया था और वकालत शुरू की थी। वहां से दिल्ली आ गए और सुप्रीम कोर्ट में वकालत शुरू की। सीनियर एडवोकेट सीएस वैद्यनाथन के चैंबर में ज्वाइन किया, जो बाद में देश के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल रहे।
एडवोकेट विश्वनाथन ने साल 1990 में विश्वनाथन ने सीनियर एडवोकेट केके वेणुगोपाल के चैंबर को ज्वाइन कर लिया, जो देश के अटार्नी जनरल भी रहे। विश्वनाथन ने केके वेणुगोपाल के साथ करीब 5 साल तक काम किया है।
ASG भी रहे हैं एडवोकेट विश्वनाथन
केवी विश्वनाथन (KV Viswanathan) देश के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल भी रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट में करीब दो दशक तक प्रैक्टिस के बाद साल 2009 में उन्हें सीनियर एडवोकेट नियुक्त किया गया था। एडवोकेट विश्वनाथन क्रिमिनल लॉ से लेकर तमाम हाईप्रोफाइल केसेज लड़ चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट तमाम मामलों में उन्हें अमीकस क्यूरी भी नियुक्त कर चुकी है।
बार से SC में नियुक्त होने वाले महज 9 जज
साल 1950 में जब सुप्रीम कोर्ट के पहले चीफ जस्टिस की नियुक्ति हुई थी, तब से अब तक उच्चतम न्यायालय में 266 जजों की नियुक्ति हो चुकी है। जिसमें मौजूदा 32 जज भी शामिल हैं। इन 266 देशों में से महज 9 जज ऐसे हैं, जिनकी बार से नियुक्ति हुई है। यह आंकड़ा एक प्रतिशत (0.033%) से भी कम है।
कौन-कौन बना है बार से SC का जज?
ऐसे जज जिन्हें सीधे बार से सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया है, उनमें जस्टिस एसएम सीकरी, जस्टिस एससी रॉय, जस्टिस कुलदीप सिंह, जस्टिस संतोष हेगड़े, जस्टिस रोहिंटन नरीमन, जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस एल नागेश्वरा राव, जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस पीएस नरसिम्हा शामिल हैं। जस्टिस इंदु मल्होत्रा तो पहली महिला वकील थीं, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था।
बार से CJI बनने वाले जज
अभी तक बार से यानी वकालत से जो एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त हुए हैं, उनमें से 2 जज- जस्टिस सीकरी और जस्टिस यूयू ललित चीफ जस्टिस रह चुके हैं। जस्टिस पीएस नरसिम्हा 30 अक्टूबर 2027 से 2 मई 2028 तक चीफ जस्टिस होंगे।
सुप्रीम कोर्ट में कितने जज हैं?
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में कुल 34 जजों के पद हैं। इसी महीने दो जज रिटायर हो गए थे। अब दो जजों की नियुक्ति के साथ संख्या 34 हो गई है। लेकिन जुलाई में 4 जज रिटायर होने वाले हैं, ऐसे में जजों की संख्या 30 रह जाएगी। रिटायरमेंट को देखते हुए कॉलेजियम नए जजों की नियुक्ति की सिफारिश कर रही है।
